Astronaut David Scott: इन दिनों Chandrayaan-3 की बहुत बातें हो रही हैं, जो फिलहाल चांद के आर्बिट में दौड़ रहा है. यह चांद पर भारत के लिए बहुत सी जानकारियां जुटाएगा, जिसके लिए लोग काफी उत्सुक हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि एक शख्स चांद पर 'कार' चला चुका है. उनका नाम डेविड रैंडोल्फ स्कॉट (David Randolph Scott) है. 


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करीब 547 घंटे अंतरिक्ष में बिताए


डेविड स्कॉट ने अपने जीवन के 546 घंटे और 54 मिनट अंतरिक्ष में बिताए है. वह 1971 में अमेरिका के अपोलो-15 मिशन में चांद पर गए थे और चांद की सतह पर गाड़ी चलाने वाले पहले व्यक्ति बने थे. उन्होंने कोई आम कार नहीं चलाई बल्कि यह Lunar Roving Vehicle था, जिसे चांद पर खोज में मदद के लिए बनाया गया था.


अपोलो-15 मिशन के कमांडर थे स्कॉट


स्कॉट का जन्म 6 जून 1932 को हुआ था. उन्होंने 31 जुलाई 1971 को पहली बार चांद पर व्हीकल चलाया था. वह ऐसा करने वाले दुनिया के पहले इंसान थे. हालांकि, वह अपोलो 15 मिशन के कमांडर के रूप में चांद पर कदम रखने वाले सातवें व्यक्ति थे. 


बता दें कि अपोलो-15 को 26 जुलाई 1971 की सुबह 9 बजकर 34 मिनट पर (स्थानीय समयानुसार) फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. तकरीबन 4 दिन की यात्रा के बाद यह चांद की सतह पर रीले नामक घाटी के पास एपिनेन पर्वत के बेस पर उतरा था.


लूनर रोविंग व्हीकल चलाया


यहां उन्होंने जो लूनर रोविंग व्हीकल (LRV) इस्तेमाल किया था, उसके प्रत्येक पहियों में 200W की क्षमता का इलेक्ट्रिक मोटर था. इसे 10 से 12 किमी/घंटा की स्पीड से दौड़ाया जा सकता था. इसे दल का कोई भी अंतरिक्ष यात्री चला सकता था लेकिन इसे चलाने की जिम्मेदारी कमांडर (डेविड स्कॉट) को दी गई थी. 


इस लूनर रोविंग व्हीकल से अपोलो-15 के अंतरिक्ष यात्रियों ने तीन अलग-अलग ट्रेक पर करीब 28 किमी की दूरी तय की थी. 7 अगस्त को यह दल वापस धरती पर लौट आया था.