IT कंपनी Accenture चर्चा में आ गई है, क्योंकि एक बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मौत के बाद लोग सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना कर रहे हैं. 34 साल के इस उत्तर प्रदेश के इंजीनियर ने कथित तौर पर तलाक के समझौते के लिए 3 करोड़ रुपये की मांग और एक जज के खिलाफ आरोपों के कारण आत्महत्या कर ली. एकम न्याय फाउंडेशन, जो पुरुषों के अधिकारों के लिए लड़ता है, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है. अतुल सुभाष की शादी  AI इंजीनियरिंग कंसल्टेंट, निकिता सिंघानिया से हुई थी, जो Accenture में काम करती हैं.


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जॉब से निकालने की उठी मांग


इस इंजीनियर ने 40 पेज का सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें बताया गया है कि उसकी पत्नी और उसके परिवार ने उसे बहुत परेशान किया, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या कर ली. उसकी मौत के बाद सोशल मीडिया पर बहुत गुस्सा देखा जा रहा है. कई लोगों ने Accenture से उसकी पत्नी को नौकरी से निकालने की मांग की है, उनका कहना है कि निकिता ने अतुल को आत्महत्या करने के लिए उकसाया.


एक यूजर ने एक्स पर लिखा, "तो @AccentureIndia @Accenture, क्या आप अभी भी निकिता सिंघानिया को प्राउड इम्प्लॉई मानते हैं, जिसने अपने पूर्व पति #AtulSubhash को परेशान किया और उकसाया, जिससे उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा? @JulieSweet, #Accenture की सीईओ, क्या आप उनका समर्थन करती हैं? अजीब है कि आपने उन्हें अभी तक क्यों नहीं निकाला?'


 



 


एक और यूजर ने कहा, "#NikitaSinghania की कंपनी #accenture ने लोगों के गुस्से के कारण उनका प्रोफाइल बंद कर दिया है. #AtulSubhash के आत्महत्या के वीडियो के वायरल होने के बाद से लोग बहुत नाराज हैं. Accenture को निकिता को निलंबित करना चाहिए था और इस मामले को खत्म करना चाहिए था.'


Accenture ने लॉक किया प्रोफाइल


सोशल मीडिया पर अतुल सुभाष की पत्नी के खिलाफ लगातार आलोचनाएं और उन्हें नौकरी से निकालने की मांग के बाद, Accenture ने अपना एक्स अकाउंट प्रोफाइल लॉक कर दिया है.



निकिता ने की थी 3 करोड़ रुपये की डिमांड


अतुल के भाई, विकास कुमार ने कहा, 'अतुल की पत्नी का परिवार तलाक के समझौते के लिए 3 करोड़ रुपये की मांग कर रहा था. 3 करोड़ रुपये की ये बेवजह की मांग बहुत बड़ा मानसिक तनाव थी.' उन्होंने आगे कहा, 'पत्नी ने जज के सामने ही पैसे की मांग की और अतुल से कहा कि अगर वह पैसे नहीं दे सकता तो क्यों न अपनी जान ले ले? जज इस बयान पर अदालत में हंस रहे थे. क्या यह यातना नहीं है? क्या यह मानसिक उत्पीड़न नहीं है?'