बीएसएनएल ने एक बड़ी पहल की है, जिसमें लद्दाख के दूर-दराज के इलाकों में अपने 4G नेटवर्क को 14,500 फीट से भी ऊंचाई तक पहुंचाया जा रहा है. यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट न केवल पहले से 'अलग-थलग' इलाकों को 'जोड़ रहा' है, बल्कि इंडस्ट्री के 'बड़े खिलाड़ी' मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो को भी 'टक्कर दे रहा' है, जो अपनी 'अग्रेसिव' मार्केट स्ट्रेटेजी के लिए मशहूर है.


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सरकार की मदद से निकला आगे


केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुलासा किया है कि देशभर में अभी तक 35 हजार से ज्यादा 4जी टावर इंस्टॉल हो चुके हैं. जून 2025 तक 1 लाख टावर लगाने का टारगेट है. इसके लिए सरकार ने उसकी मदद की है. सरकार ने 6 हजार करोड़ रुपये की सहायता की है, जिससे बीएसएनएल तेजी से आगे बढ़ रहा है. कनेक्टिविटी पर बीएसएनएल का खास फोकस है. उसका नेटवर्क अरुणाचल प्रदेश के मलापु से लेकर लद्दाख के फोब्रांग तक फैला है. 


तेजी से बढ़ रहे सब्सक्राइबर्स


बीएसएनएल जो कर रहा है, उसको देखकर देश की टॉप टेलीकॉम कंपनियां भी हैरान है. जियो, एयरटेल और वी जैसी बड़ी कंपनियों ने हाल ही में अपने मोबाइल के दाम बढ़ा दिए हैं. इससे कुछ अजीब हुआ है: बहुत से लोग बीएसएनएल की तरफ भाग रहे हैं क्योंकि इसके दाम कम हैं और सेवा अच्छी है. TRAI के आंकड़े दिखाते हैं कि बीएसएनएल ने जुलाई 2024 में ही 29.4 लाख नए ग्राहक बना लिए, जबकि बाकी कंपनियों के ग्राहक घट गए. 


क्या होगा मुकेश अंबानी का अगला कदम?


बीएसएनएल का 4जी नेटवर्क पूरे देश में फैल रहा है, लेकिन सवाल ये है कि क्या जियो इसका मुकाबला कर पाएगा? दूरसंचार क्षेत्र बहुत तेजी से बदल रहा है, मुकेश अंबानी का अगला कदम न केवल जियो के भविष्य को बल्कि भारत में दूरसंचार के भविष्य को भी तय कर सकता है क्योंकि बीएसएनएल कनेक्टिविटी के मामले में बहुत आगे बढ़ रहा है.