Elon Musk का `खतरनाक` सपना! मंगल पर शहर बसाने पर वैज्ञानिक ने क्यों बोला- सबसे बुरा भ्रम
इलन मस्क को लगता है कि मंगल पर शहर को बसाया जा सकता है. वैज्ञानिक मार्टिन रीज का कहना है कि ये खतरनाक ख्वाब है. उनका मानना है कि मंगल ग्रह जाने की कोशिश करने के बजाय हमें धरती को ही बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए.
इलन मस्क हमेशा से ही बताते आए हैं कि वो इंसानों को दूसरे ग्रहों पर रहने लायक बनाना चाहते हैं. खासकर मंगल ग्रह पर. उन्होंने अपने इंटरव्यू और सोशल मीडिया पर बताया है कि कैसे मंगल ग्रह पर लोगों को बसाया जा सकता है. लेकिन उनके इस प्लान से हर कोई सहमत नहीं है. वैज्ञानिक मार्टिन रीज का कहना है कि ये खतरनाक ख्वाब है. रीज को 'एस्ट्रोनॉमर रॉयल' की उपाधि भी मिली है, जो ब्रिटेन के राजपरिवार से जुड़ा हुआ एक सम्मान है. उनका मानना है कि मंगल ग्रह जाने की कोशिश करने के बजाय हमें धरती को ही बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए.
बताया खतरनाक भ्रम
हाल ही में "हाउस ऑफ लॉर्ड्स" के पॉडकास्ट "लॉर्ड स्पीकर्स कॉर्नर" में, लॉर्ड रीस ने मंगल ग्रह पर बड़े पैमाने पर लोगों को भेजने के विचार पर शंका जताई. उन्होंने इसे धरती की समस्याओं का हल निकालने का नाकामयाबी भरा तरीका बताया. उनका कहना था कि अपने ही ग्रह पृथ्वी पर जलवायु संबंधी चुनौतियों को सुलझाना, मंगल के वातावरण को रहने लायक बनाने की कोशिश से कहीं ज्यादा आसान है.
उन्होंने कहा, 'पृथ्वी की समस्याओं से बचने के लिए बड़े पैमाने पर लोगों को मंगल ग्रह पर भेजने का विचार, जो कि एलोन मस्क और कुछ अन्य अंतरिक्ष प्रेमियों का है, मुझे लगता है कि एक खतरनाक भ्रम है.'
इस मामले में की तारीफ
एलन मस्क ने इलेक्ट्रिक कारों और बार-बार इस्तेमाल होने वाली रॉकेट बनाने में तो बहुत तरक्की की है, ये बात लॉर्ड रीस मानते हैं. लेकिन वो ये भी कहते हैं कि एलन मस्क थोड़े "अजीब किस्म के" हैं. उनकी तरक्की को स्वीकारने के बाद भी रीस का कहना है कि अंतरिक्ष की यात्रा के लिए ऐसे लोगों को ही जाना चाहिए जिन्हें ज्यादा खतरा मोल लेने में परहेज न हो, और सरकार को इसमें पैसा नहीं लगाना चाहिए.
एलन मस्क की मंगल ग्रह पर लोगों को बसाने की महत्वाकांक्षी योजना के बारे में, एलोन मस्क की जीवनी लिखने वाले वाल्टर आइजैकसन ने भी अपनी किताब में इसका जिक्र किया है. उन्होंने लिखा है कि मस्क स्पेसएक्स में खास मीटिंग्स किया करते थे जिनका विषय सिर्फ मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाना होता था. इतना ही नहीं, ये अरबपति ये भी सोचते थे कि वहाँ की कॉलोनी को कैसे चलाया जाएगा.