Elon Musk किस पर हो गए इतने फिदा कि सरेआम बोल डाला 'I Love You'
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Elon Musk किस पर हो गए इतने फिदा कि सरेआम बोल डाला 'I Love You'

Elon Musk Salary: टेस्ला कंपनी के शेयरहोल्डर्स ने कंपनी के CEO एलन मस्क के 45 अरब डॉलर के सैलरी पैकेज को मंजूरी दे दी है. यह मंजूरी टेस्ला के सीईओ Elon Musk और कंपनी के शेयरहोल्डर्स के बीच एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मिली है. 

Elon Musk

Tesla: टेस्ला कंपनी के शेयरहोल्डर्स ने कंपनी के CEO एलन मस्क के 45 अरब डॉलर के सैलरी पैकेज को मंजूरी दे दी है. यह मंजूरी टेस्ला के सीईओ Elon Musk और कंपनी के शेयरहोल्डर्स के बीच एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मिली है. इसमें लड़ाई में मस्क ने अब तक के सबसे बड़े वेतन पैकेज को बचाने की कोशिश की थी. टेक्सस के ऑस्टिन में स्थित टेस्ला के हेडक्वार्टर में में कंपनी की सालाना बैठक में इस वोट के नतीजे घोषित किए गए. मस्क के इस सैलरी पैकेज में स्टॉक ऑप्शन भी शामिल हैं. इसे मंजूरी मिलना टेस्ला बोर्ड के लिए राहत की बात है. उन्हें चिंता थी कि पैकेज अस्वीकार होने पर मस्क कंपनी को कम समय दे सकते हैं या इस्तीफा भी दे सकते हैं. 

Tesla शेयरहोल्डर्स को मस्क ने क्या कहा?

वोट के बाद मंच पर आने के बादElon Musk ने कहा कि "मैं बस इतना कहकर शुरुआत करना चाहता हूं - यार, आई लव यू गाइज." उन्होंने आगे कहा कि "मुझे लगता है कि हम टेस्ला के लिए सिर्फ एक नया चैप्टर नहीं खोल रहे हैं, बल्कि एक पूरी नई किताब शुरू कर रहे हैं."

कंपनी ने शेयरहोल्डर्स की पूरी मीटिंग को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर अपलोड किया है. इसमें एलन मस्क की स्पीच 42.42 मिनट पर शुरू होती है.

टेस्ला शेयरधारकों ने वोट क्यों दिया?

शेयरहोल्डर्स का यह वोट दरअसल जनवरी में जज के फैसले के बाद आया है. जज ने पहले तय किए गए 56 अरब डॉलर के पैकेज को खारिज कर दिया था. जज का कहना था कि टेस्ला बोर्ड मस्क के प्रभाव से काफी हद तक प्रभावित था और पैकेज तय करने की प्रक्रिया में खामियां थीं. 

मस्क और टेस्ला बोर्ड के जोरदार अभियान के बाद, शेयरहोल्डर्स ने सैलरी पैकेज के पक्ष में वोट किया. यह वोट जज के फैसले को कमजोर कर सकता है. शेयरहोल्डर्स के वोट बोर्ड के इस तर्क को मजबूत करता है कि शेयरधारकों को मुआवजे के विवरण और हितों के संभावित टकराव के बारे में पूरी जानकारी थी. हालांकि, यह गौर करना जरूरी है कि नॉर्वे के सॉवरेन वेल्थ फंड और कैलिफोर्निया स्टेट टीचर्स रिटायरमेंट सिस्टम समेत कई बड़े शेयरहोल्डर्स और एजवाइजरी फर्मों ने इस पैकेज का विरोध किया था. 

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