Google: गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन को यूरोप की कई कंपनियों से नई चुनौती मिल रही है. डॉयचे (Deutsche) टेलीकॉम, ऑरेंज, एयरबस और यूरोपीय संघ (EU) की 15 अन्य कंपनियों ने एक प्रपोजल की आलोचना की है, जो इन बड़ी टेक कंपनियों को यूरोप में हाईली सेंसिटिव क्लाउड कंप्यूटिंग कॉन्ट्रैक्ट के लिए बोली लगाने की अनुमति देगा. 15 अप्रैल को बेल्जियम के इस प्रोपोजल पर यूरोपीय संघ के 27 देशों के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स चर्चा करेंगे. अगर सब कुछ ठीक रहा तो यूरोपीय कमीशन इस साल के अंत तक इस क्षेत्र में साइबर सिक्योरिटी स्कीम को अपना सकता है.


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प्रपोजल क्या है?


यह प्रपोजल बेल्जियम द्वारा तैयार किया गया था, जो वर्तमान में यूरोपीय संघ की अध्यक्षता कर रहा है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिन कंपनियों ने प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की है, उन्हें एक सर्टिफिकेशन स्कीम  (EUCS) के बारे में चिंता है. यह स्कीम क्लाउड सेवाओं की साइबर सुरक्षा की रक्षा करने के साथ-साथ सरकारों और कंपनियों को अपने कारोबार के लिए एक सुरक्षित और विश्वसनीय विक्रेता चुनने में मदद करने के लिए बनाई गई है.


यूरोपियन यूनियन साइबर सुरक्षा का लेबल देने की एक योजना बना रहा है. इस लेबल के कई स्तर होंगे. पहले के ड्राफ्ट में सबसे ऊंचे लेबल के लिए ये जरूरी था कि अमेरिकी टेक्नॉलॉजी कंपनियां यूरोप में ही यूरोपीय कंपनियों के साथ मिलकर काम करें या साझेदारी करें. इसका मतलब था कि यूजर्स का डाटा यूरोप में ही स्टोर और प्रोसेस किया जाए.


अमेरिकी कंपनियों को चिंता है कि यूरोपीय डेटा को अमेरिकी या चीनी कानून के तहत विदेशी सरकारें देख सकती हैं. यूरोप की कंपनियों को भी लगता है कि ऊंचे लेबल के लिए यूरोप में ही डेटा रखने का नियम न होने से उनकी नई कंपनियां अमेरिकी कंपनियों से मुकाबला नहीं कर पाएंगी. इसलिए डॉयचे टेलीकॉम, ऑरेंज और एयरबस जैसी कई यूरोपीय कंपनियों ने मिलकर सरकारों को चिट्ठी लिखी है. उनका कहना है कि ऊंचे लेबल के लिए यूरोप में ही डेटा रखने का नियम जरूरी है. ऐसा न करने से यूरोप की क्लाउड स्टोरेज कंपनियां अमेरिका से पीछे रह जाएंगी.