Google CEO Sundar Pichai Success Story: दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) को पिछले दिनों अमेरिका में भारत के प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से गिने जाने वाले पद्म भूषण (Padma Bhusan) सम्मान से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार उन्हें भारत सरकार ने व्यापार और उद्योग श्रेणी में वर्ष 2022 के लिए दिया है. भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक सुंदर पिचाई को यह सम्मान अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने दिया. इस खास मौके पर सुंदर पिचाई भावुक भी दिखे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

'मैं जहां जाता हूं, भारत साथ जाता है'


इस खास मौके पर सुंदर पिचाई ने कहा कि ‘भारत मेरा ऐसा हिस्सा है जो मेरे साथ हर जगह जाता है. मैं सौभाग्यशाली हूं क्योंकि मेरा जन्म ऐसे परिवार में हुआ, जहां सीखने और जानने की इच्छाशक्ति को महत्व दिया जाता है.’ सुंदर पिचाई ने इस खास मौके पर अपने संघर्षों को भी याद किया. उन्होंने बताया कि आज जिस जगह पर मैं हूं वहां पहुंचने के लिए तमाम मुश्किलों को पार किया है. उन्होंने बताया कि पढ़ाई के लिए जब अमेरिका आने का फैसला किया था तो वह आसान नहीं था. उस वक्त पिता की सालभर की सैलरी देकर मुझे यहां की टिकट खरीदनी पड़ी थी.


चेन्नई में हुआ था पिचाई का जन्म


सुंदर पिचाई को वर्ष 2019 में गूगल और अल्फाबेट कंपनी का सीईओ बनाया गया था. अल्फाबेट गूगल की पैरेंट कंपनी है. सुंदर पिचाई का जन्म 12 जुलाई 1972 को चेन्नई में हुआ था. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई भारत में ही की थी. आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियर करने के बाद वारटन बिजनेस स्कूल से एमबीए किया था. आगे की पढ़ाई के लिए वह अमेरिका के स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी गए. वहां उन्होंने मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग की थी. अमेरिका में रहने के दौरान उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. वहां का खर्चा बहुत मुश्किल से उठता था.


पहली बार अमेरिका में देखा था कंप्यूटर


एक इंटरव्यू में सुंदर पिचाई ने कहा था कि भले ही वह आज दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी के हेड हैं लेकिन वह आज भी जमीन से जुड़े हैं. वह अपने पुराने दिन, अपना संघर्ष और अपना बचपन कभी नहीं भूलते. इससे ही उन्हें आगे बढ़ने की ऊर्जा मिलती है. उन्होंने ये भी बताया था कि जब वह अमेरिका आए थे तब आईएसडी कॉल का चार्ज 2 डॉलर प्रति मिनट लगता था. ज्यादा चार्ज की वजह से वह अपने घर पर बात तक नहीं कर पाते थे. अपनी जिंदगी में उन्होंने पहली बार कंप्यूटर अमेरिका में ही देखा था. आज पिचाई दुनिया के सबसे महंगे सीईओ हैं. यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की एनुअल प्रॉक्सी फाइल रिपोर्ट के मुताबिक सुंदर पिचाई की बेसिक सैलरी साल 2020 में 2 मिलियन डॉलर यानी 15 करोड़ थी. इसके बाद जब उन्हें अल्फाबेट का चार्ज मिला तो उनकी सैलरी बढ़ाकर 7.4 मिलियन डॉलर यानी करीब 52 करोड़ रुपये कर दी गई. आज सुंदर पिचाई का नेटवर्थ करीब 5300 करोड़ रुपये है. 


पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं