Google CEO Sunder Pichai: गूगल एक ऐसी कंपनी है जिसने टेक सेक्टर में अपनी एक अलग पहचान बना ली है. इसको चुनौती दे पाना किसी और के लिए आसान काम नहीं है. गूगल के पास दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है. वैसे तो दुनिया में कई और सर्च इंजन हैं लेकिन, इसके जितना पॉपुलर और यूज किया जाने वाला कोई और नहीं है. इसी के चलते गूगल को हाल ही में एक बड़ा झटका लगा. अमेरिका की एक कोर्ट ने गूगल के खिलाफ फैसला सुनाया और माना कि गूगल ने ऑनलाइन सर्च मार्केट में अपनी मोनोपोली बनाने के लिए गैरकानूनी तरीकों का इस्तेमाल किया है. इस फैसले की टेक सेक्टर में काफी चर्चा होने लगी. अब Google के सीईओ Sunder Pichai की इस फैसले पर प्रतिक्रिया आई है. आइए आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कहा. 


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Sunder Pichai ने व्यक्त की असहमति
गूगल दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है. दुनिया भर में करोडों लोग इसको यूज करते हैं. गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि कंपनी उसके खिलाफ एक अदालत के फैसले के खिलाफ जोरदार अपील करेगी. ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में पिचाई ने जज के फैसले से असहमति व्यक्त की और कंपनी के कानूनी लड़ाई के प्लान के बारे में बताया. 


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ऐसा बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार है कि जब सुंदर पिचाई ने पहले कंपनी के खिलाफ आए फैसले पर अपना रिएक्शन दिया है. पिचाई ने होस्ट डेविड रूबेनस्टीन से कहा कि "हमारे पैमाने और आकार के साथ, मुझे लगता है कि जांच अपरिहार्य है." उन्होंने आगे कहा कि हम अपील करेंगे और यह प्रक्रिया कई वर्षों तक चलेगी. 


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जज ने क्या कहा 
अमेरिका के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज अमित पी मेहता ने ये फैसला सुनाया था. फैसले में जज ने कहा कि गूगल ने मार्केट में अपनी मोनोपोली की गलत फायदा उठाया है. जज ने कहा कि गूगल ने अपने डिस्ट्रिब्यूशन एग्रीमेंट में कॉम्पटीशन को आने से रोक दिया है. फैसले में गूगल को 'मोनोपोलिस्ट' करार दिया गया है. पिचाई ने जोर दिया कि गूगल की सफलता इनोवेशन का परिणाम है और सर्च इंजन मार्केट में उसके प्रतिद्वंदी भी इस बात को स्वीकार करते हैं.