Google Chrome: गूगल क्रोम दुनिया भर में अरबों लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे पॉपुलर ब्राउजर है. लोग अक्सर इस ब्राउजर में वेबसाइट्स के लिए यूजरनेम और पासवर्ड जैसे डेटा को सेव कर लेते हैं. लेकिन हाल के वर्षों में हैकर्स ने StealC जैसे मालवेयर का इस्तेमाल करके लोगों के सेव किए हुए पासवर्ड और लॉगिन डेटा चुराने शुरू कर दिए हैं. 


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कैसे रुकेगी डेटी चोरी?
इसको रोकने के लिए गूगल क्रोम के एंड्रॉइड वर्जन के लिए एक नया फीचर ला रहा है, जिससे आपको अपने बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन (जैसे फिंगरप्रिंट या फेस स्कैन) का इस्तेमाल करना होगा, ताकि आपके लॉगिन डेटा को ऑटोमेटिकली फिल किया जा सके. 


एक रिपोर्ट के मुताबिक Leopeva64 नाम के एक यूजर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता है) पर पोस्ट किया है कि क्रोम के कैनरी वर्जन में अब एक फ्लैग है, जो आपको फिंगरप्रिंट या फेस स्कैन के जरिए ऑथेंटिकेट करने के बाद ही पासवर्ड फील्ड फिल करने देगा. 


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कैसे करें इस्तेमाल?
इस फीचर को इस्तेमाल करने के लिए यूजर को गूगल प्ले स्टोर से क्रोम के कैनरी बिल्ड को इंस्टॉल करना होगा. फिर ऐप को लॉन्च करें और एड्रेस बार में "chrome://flags" टाइप करें. जो पेज खुलेगा उसमें "biometric-auth-identity-check" नाम का टॉगल ढूंढें और उसे इनेबल कर दें. यह फीचर अभी क्रोम के कैनरी वर्जन में उपलब्ध है, जो उन लोगों के लिए एक एक्सपेरिमेंटल बिल्ड है जो नए फीचर्स को आजमाना चाहते हैं. इसलिए इसे स्टेबल बिल्ड में आने में कुछ समय लग सकता है. 


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कुछ साल पहले गूगल ने क्रोम के लिए एक ऐसा ही फीचर टेस्ट किया था, लेकिन किसी कारण से इसे सभी के लिए उपलब्ध नहीं कराया गया. जबकि माइक्रोसॉफ्ट एज जैसे ब्राउजरों में यह फीचर पहले से ही उपलब्ध है. पिछले महीने गूगल ने डेस्कटॉप पर क्रोम में कई नए फीचर्स जोड़े थे, जिनमें गूगल लेंस इंटीग्रेशन, टैब कंपैरिजन फीचर और एआई-पावर्ड हिस्ट्री सर्च शामिल है.