दिल्ली सहित कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है. इतनी गर्मी में एसी और कूलर ही हैं जो राहत दे रहे हैं. आज कल नए तरह के कूलर आ रहे हैं. हनीकॉम्ब पैड वाले कूलर का जमाना आ गया है. लेकिन इसने लोगों के मन में कंफ्यूजन पैदा कर दी है कि घास वाले कूलर ज्यादा ठंडक देते हैं या फिर हनीकॉम्ब पैड वाले. बता दें, कूलिंग पैड की वजह से ही घर में ठंडी हवा फैलती है. आइए जानते हैं दोनों में से कौन सा बेस्ट है...


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क्या होता है हनीकॉम्ब पैड?
हनीकॉम्ब एक मधुमक्खी के छत्ते जैसा दिखाई देता है, इसलिए इसका नाम हनीकॉम्ब पैड पड़ा है. यह सेलूलोस से बना होता है, जो एक प्राकृतिक मटीरियल है. इसका विशेषता है कि यह पानी को लंबे समय तक सोख सकता है और इसका उपयोग गर्म हवा को शीघ्रता से ठंडा करने के लिए किया जा सकता है.


देखा जाए तो हनीकॉम्ब पैड में छेद बड़े होते हैं, ऐसे में गर्मी हवा अंदर जाने का खतरा होता है. डायरेक्ट गर्म हवा जाने से हवा ठंडी हवा में ट्रांसफर नहीं हो पाती और कमरे में आ जाती है. वहीं घास में गर्म हवा रुक जाती है और ठंडी हवा बनकर ही निकलती है. इसकी कूलिंग भी कमरे में तेजी से फैलती है.


क्या है फायदे-नुकसान
लेकिन दोनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं. हनीकॉम्ब की देखभाल काफी आसान होती है और इसे आसानी से 2-3 साल तक उपयोग में लिया जा सकता है. विपरीतता से, लकड़ी के छिलके वाली घास की देखभाल में काफी मेहनत और समय लगता है. इसमें धूल जल्दी जम जाती है और इसलिए इसे हर सीजन में बदलना आवश्यक होता है.


कीमत में है जमीन-आसमान का अंतर
हनीकॉम्ब और लकड़ी वाली घास की कीमत में बहुत अंतर होता है. हनीकॉम्ब की कीमत थोड़ी महंगी होती है, जो 700 रुपये से 1400 रुपये के बीच हो सकती है। वहीं, लकड़ी वाली घास को आप 80 से 100 रुपये के बीच में प्राप्त कर सकते हैं.