कौन संभालेगा रतन टाटा की गद्दी! सौतेले भाई का नाम आ रहा सामने, जानिए कौन हैं Noel Tata
Who Is Noel Tata: अब लोग यह सोच रहे हैं कि रतन टाटा के बाद टाटा कंपनी का कौन लीडर बनेगा. रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा, उन लोगों में से एक हैं जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे टाटा कंपनी के अगले प्रमुख बन सकते हैं.
टाटा कंपनी के पूर्व प्रमुख रतन टाटा का बुधवार रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया. उन्हें इस हफ्ते की शुरुआत में नियमित जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बुधवार को उन्हें ICU में रखा गया, टाटा कंपनी ने बताया कि रतन टाटा का निधन हो गया है. अब लोग यह सोच रहे हैं कि रतन टाटा के बाद टाटा कंपनी का कौन लीडर बनेगा. रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा, उन लोगों में से एक हैं जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे टाटा कंपनी के अगले प्रमुख बन सकते हैं. टाटा कंपनी की वेबसाइट पर नोएल टाटा के बारे में कुछ जानकारी दी गई है...
टाटा कंपनी ने नोएल टाटा का रोल
नोएल एन. टाटा पिछले 40 सालों से टाटा कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं. अभी वे टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन के प्रमुख हैं और टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड के उप प्रमुख भी हैं. वे सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के भी सदस्य हैं.
नोएल टाटा आखिरी बार टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रमुख थे. यह टाटा कंपनी की ट्रेडिंग और वितरण शाखा है. उन्होंने अगस्त 2010 से नवंबर 2021 तक यहां काम किया. इस दौरान उन्होंने कंपनी की कमाई को 500 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 3 अरब डॉलर से ज्यादा कर दिया. इससे पहले वे ट्रेंट लिमिटेड के प्रमुख थे. उन्होंने ट्रेंट कंपनी को भी बहुत आगे बढ़ाया. 1998 में उनके पास सिर्फ एक स्टोर था, लेकिन अब उनके पास 700 से ज्यादा स्टोर हैं.
नवल टाटा के बेटे हैं नोएल टाटा
नोएल टाटा ने ससेक्स यूनिवर्सिटी (यूके) से पढ़ाई की है और INSEAD से भी एक कोर्स पूरा किया है. उनके पिता का नाम नवल एच. टाटा है और उनकी माता का नाम सिमोन एन. टाटा है.
बच्चों को मिलीं 5 टाटा ट्रस्ट बोर्ड की सीट
इस साल की शुरुआत में, टाटा कंपनी ने नोएल टाटा के तीन बच्चों को अपनी पांच चैरिटी संस्थाओं के प्रमुख बनाया. लीआ, माया और नेविल को सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पांच ट्रस्टों के ट्रस्टी बनाया गया. ये ट्रस्ट टाटा कंपनी के मालिक हैं. इनके नए पदों को इस साल 6 मई को रतन टाटा ने मंजूरी दी थी. यह भी एक बड़ा बदलाव है क्योंकि पहले इन ट्रस्टों के प्रमुख ज्यादातर बड़े और अनुभवी लोग ही होते थे. लीआ, माया और नेविल पहले से ही टाटा कंपनी की कई कंपनियों में काम कर रहे हैं और ट्रस्टी बनने के बाद भी काम करते रहेंगे.