Mukesh Ambani की एक चाल और Elon Musk की बढ़ गई टेंशन! ला रहे भारत का पहला इंसानी Robot
मुकेश अंबानी एक स्टार्टअप को सपोर्ट किया और अब उस स्टार्टअप ने 2025 में बेहद आधुनिक इंसान जैसे रोबोट बनाने का फैसला किया है. इन रोबोट्स का मुकाबला एलन मस्क की टेस्ला कंपनी के रोबोट्स से होगा.
मुकेश अंबानी के समर्थन वाली कंपनी एडवर्ब टेक्नोलॉजीज ने 2025 में बेहद आधुनिक इंसान जैसे रोबोट बनाने का फैसला किया है. इन रोबोट्स का मुकाबला एलन मस्क की टेस्ला कंपनी के रोबोट्स से होगा. नॉएडा की एक रोबोट बनाने वाली कंपनी, एडवर्ब टेक्नोलॉजीज, 2025 में ऐसी रोबोट बनाने जा रही है जो खुद सोच-समझकर काम कर सकेंगे.
कर सकेंगे कई काम
ये रोबोट फैशन, रिटेल और ऊर्जा जैसे कई क्षेत्रों में काम कर सकेंगे. इससे भारत भी दुनिया के उन देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा जो ऐसे रोबोट बना रहे हैं, जैसे अमेरिका की टेस्ला, बोस्टन डायनेमिक्स और एजिलिटी रोबोटिक्स.
Jio 5G का करेगी इस्तेमाल
एडवर्ब के को-फाउंडर और सीईओ, संगीत कुमार ने कहा, 'हम मानवरूपी रोबोट बनाने की दिशा में इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि हम उन कामों को खत्म करना चाहते हैं जो बोरिंग, गंदे और खतरनाक हैं.' कंपनी Reliance Industries के साथ अपनी पार्टनरशिप का फायदा उठाएगी और Jio के AI प्लेटफॉर्म और 5G सेवाओं का इस्तेमाल करेगी.
इन रोबोट्स में सबसे नई GPU तकनीक, कम बिजली खर्च करने वाले मोटर, और दो हाथ होंगे, जिससे वे अलग-अलग तरह के इलाकों में जा सकेंगे और बहुत ही जटिल काम कर सकेंगे. इन रोबोट्स में Visual and Language Action (VLA) तकनीक भी होगी, जिससे वे खुद ही अलग-अलग जगहों पर काम कर सकेंगे, बिना किसी इंसान की मदद के.
चीनी कंपनियों से लेगा टक्कर
जबकि टेस्ला के ऑप्टिमस रोबोट की कीमत 20,000 से 25,000 डॉलर के बीच होने वाली है, एडवर्ब के कुमार ने कहा कि ऐसे रोबोट बनाने में बहुत पैसा लगता है. लेकिन उन्होंने कहा कि वे दुनिया भर की कंपनियों, खासकर चीन की कंपनियों, से मुकाबला कर सकते हैं, भले ही उनको सरकार से पैसा मिलता हो.
एडवर्ब, जो Reliance, HUL और PepsiCo जैसी बड़ी कंपनियों को सेवाएं देती है, उनका लक्ष्य कई छोटी कंपनियों का एक नेटवर्क बनाना है, जैसा कि उसने भारत में गोदामों को ऑटोमेट करने में किया था. यह भारत की "मेक इन इंडिया" योजना के साथ मेल खाता है और इसका लक्ष्य भारत में ऐसे रोबोट्स की संख्या बढ़ाना और दुनिया भर में इस तकनीक को अपनाने को बढ़ावा देना है.