नई दिल्ली : अमरेली के राजुला गांव के किसान के इंजीनियर बेटे द्वारा आधुनिक तकनीक और खुद की सूझबूझ से बोरवेल में गिरने वाले मासूम बच्चों को  जल्दी से जल्दी और सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एक रोबोट बनाया है. राजुला गांव में खेती का काम करने वाले एक युवक महेश अहीर ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और अब इस नौजवान इंजीनियर ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जिससे मोबाइल फोन से कमांड देकर गहरे से गहरे बोरवेल में गिरे बच्चे को आसानी से निकाला जा सकता है.


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महेश के अनुसार, वह कई बार टीवी चैनल या फिर समाचार पत्रों में देखता था कि मासूम बच्चे खेलते-खेलते गहरे बोरवेल में गिर गए. कुछ तो काफी मशक्कत के बाद सही सलामत निकाल लिया गया, लेकिन बहुत से बच्चों की जान चली गई. इस तरह की घटनाएं महेश को हमेशा विचलित करती रही हैं. उसने बताया कि वह अक्सर सोचता कि हमारे देश में अभी तक ऐसी तकनीक कोई नहीं ईजाद हुई जो इस तरह की घटनाओं में मददगार साबित हो सके. जब महेश इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, तभी उसने अपने सपने को साकार करने की ठानी और लगातार नए-नए प्रयोग करता रहा. आखिरकार वह एक ऐसा रोबोट तैयार करने में कामयाब हो सकता हो जो बोरवेल में गिरे मासूमों की मदद कर सके.



25 मिनट में बाहर निकाला जाएगा बच्चा
महेश ने बताया कि उसके इस रोबोट को मोबाइल फोन से ऑपरेट किया जा सकता है. यह रोबोट बोरवेल के अंदर की साफ तस्वीरें खींच सकता है. बच्चे की हलचल को स्क्रीन पर देखकर आसानी से रेस्क्यू कर बोरवेल से बहार निकाला जा सकता है. इस रोबोट की मदद से बच्चे तक ऑक्सीजन और पानी पहुंचाया जा सकता है.



महेश ने बताया कि रोबोट बनाने की लागत लगभग 60,000 रुपये आई है. इससे बच्चे को बचाने के अभियान 25 मिनट लगते हैं. अगर बच्चा बोरवेल में नीचे की ओर अंदर फंस गया है, तो भी रोबोट में ऐसा सिस्टम है, जिससे बच्चे को आराम से ऊपर खींचा जा सकता है. महेश ने इस रोबोट को काफी लोगों के सामने सफलतापूर्वक ऑपरेट भी किया है. महेश की मांग है कि सरकार उसके इस अविष्कार को प्रोत्साहित करे.