नई दिल्ली : अगर आप भी फेसबुक पर अपने ट्रिप या पार्टी की तस्वीर शेयर करते हैं तो इनकमटैक्स डिपार्टमेंट की नजर आप पर पड़ सकती है. जी हां, आयकर विभाग की तरफ से अब ऐसे प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है जिससे आपका टैक्स चोरी करने नामुमकिन तो नहीं लेकिन मुश्किल जरूर हो जाएगा. आयकर विभाग (आईटी) कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए 1 अप्रैल से बिग डाटा एनालिटिक्स का यूज करने जा रहा है.


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1 हजार करोड़ का कार्यक्रम शुरू होगा
'प्रोजेक्ट इनसाइट' नामक 1 हजार करोड़ के कार्यक्रम के जरिये लोगों के सोशल नेटवर्किंग प्रोफाइल पर नजर रखी जाएगी. साथ ही सोशल मीडिया पर अपलोड किए जाने वाली तस्वीरों और वीडियो के जरिये खर्च के तरीकों का पता लगाया जाएगा. अगर किसी व्यक्ति की तरफ से घोषित आय के मुकाबले खरीद और यात्रा खर्च में अंतर मिला तो आयकर अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी जाएगी, जिसके बाद उस शख्स पर कार्रवाई की जाएगी.


15 मार्च से मिला सॉफ्टवेयर का एक्सेस
सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग ने 15 मार्च से आयकर अधिकारियों को सॉफ्टवेयर का एक्सेस दे दिया है. मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, 'अगर आप विदेश यात्रा कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं या महंगी कार खरीद रहे हैं, जो रिटर्न दाखिल करने में दर्ज आय के साधनों से परे की हैं, तो आयकर विभाग उसका विश्लेषण करने के लिए बिग डाटा का यूज कर सकता है और आपकी आय और खर्च की विसंगति की जांच कर सकता है.'



मास्टर फाइल का इस्तेमाल हो सकता है
सूत्रों ने बताया, 'आयकर विभाग एक मास्टर फाइल का भी इस्तेमाल कर सकता है जिसमें व्यक्तियों और कॉरपोरेट के संबंध में पूरा ब्योरा और महत्वपूर्ण सूचनाएं होंगी.' प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य कर चोरी करने वालों को पकड़ना और रिटर्न दाखिल करने और कर चुकाने वालों की तादाद में इजाफा करना है. इनसाइट प्रोजेक्ट में समेकित सूचना प्रबंधन प्रणाली होगी जिससे सही समय पर सही कदम उठाने में मदद के लिए मशीन लर्निग को उपयोग किया जाएगा.


कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए बिग डाटा का इस्तेमाल करने वाले बेल्जियम, कनाडा और आस्ट्रेलिया जैसे देशों के समूह में भारत शामिल होने जा रहा है. ब्रिटेन में 2010 में प्रौद्योगिकी की शुरुआत होने के बाद से इस प्रणाली से करीब 4.1 अरब पाउंड के राजस्व के नुकसान पर लगाम लगाई गई है.