यूएस चुनाव के बीच Google पर आरोप लगाया गया है कि वह सर्च रिजल्ट्स में पक्षपात कर रहा है. लाखों लोगों ने चुनाव के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए Google का इस्तेमाल किया, लेकिन कुछ लोगों ने देखा कि Google के सर्च रिजल्ट्स में कुछ गड़बड़ी है. जब कुछ लोगों ने "Where can I vote for Trump?" सर्च किया, तो उन्हें उतनी अच्छी जानकारी नहीं मिली, जितनी "Where can I vote for Harris?" सर्च करने वालों को मिली. Google ने इस बात को स्वीकार किया है और कहा है कि यह गलती से हुआ था और इसे जल्द ही ठीक कर दिया जाएगा.


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पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके समर्थकों ने आरोप लाया है कि गूगल पक्ष ले रहा है और मामला तब और गड़बड़ा गया जब उनके समर्थकों ने गूगल सर्च पर गड़बड़ी देखी. ट्रम्प की वोटिंग लोकेशन सर्च करने पर ऐसे आर्टिकल्स और लिंक्स की लिस्ट देखी जहां कमला हैरिस के बारे में जानकारियां थीं. वहीं कमला हैरिस की वोटिंग लोकेशन सर्च सटीक काम कर रहा था. 


सर्च करने पर हुआ खुलासा


जब लोगों ने "Where to vote for Trump?" सर्च किया, तो सबसे पहले उन्हें कुछ खबरें दिखाई दीं. उसके बाद उन्हें "donaldjtrump.com" वेबसाइट का लिंक और मतदान से जुड़ी कुछ अन्य वेबसाइट्स मिलीं. लेकिन, जब लोगों ने "Where can I vote for Harris?" सर्च किया, तो उन्हें सीधे Democracy Works और Voting Information Project नाम की संस्था की वेबसाइट का लिंक मिला. इस वेबसाइट पर अपना पता डालकर, यूजर्स सरकारी लिस्ट के हिसाब से अपना नजदीकी मतदान केंद्र ढूंढ सकते थे.


गूगल ने माना ग्लिच


जब सोशल मीडिया पर लोगों ने Google के खिलाफ आवाज़ उठाई, तो Google के सीईओ सुंदर पिचाई ने इस मामले पर बयान दिया. उन्होंने स्वीकार किया कि Google के सर्च रिजल्ट्स में कुछ गड़बड़ी हुई थी. Google ने कहा कि जब लोग "Where to vote for Trump?" सर्च करते थे, तो उन्हें सही जानकारी नहीं मिल रही थी, जबकि "Where can I vote for Harris?" सर्च करने वालों को सही जानकारी मिल रही थी. Google ने बताया कि यह एक गलती थी, क्योंकि "Harris" एक काउंटी का नाम भी है, इसलिए सर्च रिजल्ट्स में गड़बड़ी हो गई थी.


 



 


गूगल ने यूजर्स को बताया कि इसको जल्दी सॉल्व कर दिया जाएगा और कहा कि आपको जानना जरूरी है कि बहुत कम लोग इस तरह के सर्च करते हैं. लेकिन कुछ यूजर्स ने बताया कि जब उन्होंने किसी दूसरे शहर के बारे में भी सर्च किया तो उन्हें उनके पास के पोलिंग स्टेशन क बारे में जानकारी दी गई थी. यह पहली बार नहीं है जब गूगल पर यह कॉन्ट्रोवर्सी हुई है. जुलाई में डोनाल्ड ट्रम्प और उनके सपोर्टर्स ने उनकी हत्या के असफल प्रयास के बारे में भी जानकारी दबाने का आरोप लगाया गया था. 


ट्रम्प दे चुके हैं धमकी


कुछ वक्त पहले ही ट्रम्प न कहा था कि वो अगर वो चुनाव जीतते हैं तो वो जस्टिस डिपार्टमेंट में जाकर गूगल पर क्रिमिनल चार्जेस लगा सकते हैं. उन्होंने कहा कि गूगल ने चुनावों के दौरान उनकी खूब नेगेटिव न्यूज दिखाईं वहीं कमला हैरिस के बारे में कुछ भी नहीं दिखाया गया.