Carl Pei Prediction: बाजार में आते ही एक ऐप ने लोगों का ध्यान तेजी से अपनी ओर खींचा है. Chat GPT (Chat GPT- Generative Pre-trained Transformer) नाम से मशहूर इस ऐप को गूगल (Google) से भी ज्यादा एडवांस माना जा रहा है. बता दें कि चैट जीपीटी (Chat GPT) एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड टूल है. इस बेहद एडवांस ऐप को कई जानकारों ने मावन सभ्यता के लिए खतरा तक बता दिया है. फिलहाल इसका इस्तेमाल एजुकेशन सेक्टर में तेजी से किया जा रहा है. इसने बच्चों को पढ़ाना भी शुरू कर दिया है. इतना एडवांस होने के बाद भी इसे अमेरिका की न्यूयॉर्क सिटी में बैन कर दिया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बैन करने के पीछे दिया गया ये तर्क


Chat GPT की खासियत है कि यह इंसानों की तरह बात करता है और इंसानों की तरह ही बर्ताव भी करता है. यह आपके सभी सवालों के नाप-तौल के साथ सही जवाब देता है. खबर है कि अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पावर्ड चैट जीपीटी ऐप पर बैन लगाने का फैसला लिया है. इस ऐप को तुरंत ही यह कहते हुए ब्लॉक कर दिया गया कि ये बच्चों और टीचर के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है. ये सभी सवालों को सही और फटाफट जवाब देता है जिसकी वजह से बच्चों की तर्कशक्ति कम होती जाएगी. इसके चलते भविष्य में लोगों की प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल पर असर पड़ेगा.


इंसानों की नौकरी के लिए खतरा


आपको बता दें कि इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल के आने से लाखों नौकरियों पर संकट के बादल साफ नजर आने लगे हैं. इसका सबसे ज्यादा असर टीचिंग, कंटेंट राइटिंग और सॉफ्टवेयर समेत कई क्षेत्रों में पड़ेगा. अगर ये ऐप पूरी तरह से प्रभावी होता है तो इसकी वजह से इंसानों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ेगा. इसके काम करने के तरीके पर बात करें तो यह किसी सर्च इंजन की तरह ही काम करता है लेकिन उससे काफी ज्यादा एडवांस है यह आपको कोई लिंक नहीं देता बल्कि आपके सवालों के सटीक जवाब देता है.


पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं