क्या होता है Digital Arrest? क्यों हो जाते हैं लोग इसके शिकार, जानें इसे पहचानने के तरीके
What is Digital Arrest: हाल ही में Digital Arrest के कई मामले सामने आ चुके हैं. यह इतना खतरनाक हो चुका है इसे इस बात से समझ सकते हैं कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इसके बारे में बात कर चुके हैं. आइए आपको इसके बारे में बताते हैं.
हाल ही में Digital Arrest के कई मामले सामने आ चुके हैं. यह ऑनलाइन स्कैम का नया तरीका है और काफी खतरनाक हो चुका है. कई लोग इसके शिकार हो चुके हैं. इसलिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर डिजिटल अरेस्ट होता क्या है और कैसे लोग इसके शिकार हो जाते हैं. साथ ही हम आपको इसे पहचानने के तरीके भी बताएंगे ताकि आप इससे बच सकें.
क्या होता है Digital Arrest?
डिजिटल अरेस्ट एक तरह का साइबर फ्रॉड होता है जिसमें धोखेबाज आपको फोन या वीडियो कॉल करके पुलिस या अन्य सरकारी अधिकारी बनकर धमकाते हैं और आपसे पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं. वे आपको बताते हैं कि आप किसी अपराध में शामिल हैं और अगर आप पैसे नहीं देते तो आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
यह स्कैम कैसे काम करता है?
फोन कॉल या वीडियो कॉल - स्कैमर आपको अक्सर अज्ञात नंबर से और विदेशी नंबरों से फोन या वीडियो कॉल करते हैं.
डराना-धमकाना - वे आपको डराते हैं और कहते हैं कि आपके खिलाफ वारंट जारी हो चुका है या आपकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी.
पैसे मांगना - वे आपसे पैसे किसी क्रिप्टोकरेंसी या अन्य ऑनलाइन माध्यम से जमा करने के लिए कहते हैं.
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क्यों हो जाते हैं लोग इसके शिकार
डर - अचानक पुलिस या सरकारी अधिकारी का फोन आने से लोग डर जाते हैं और स्कैमर्स के झांसे में आ जाते हैं.
जानकारी न होना - कई लोगों को इस तरह के फ्रॉड के बारे में जानते नहीं होती और वे सोचते हैं कि यह सच हो सकता है.
दबाव - स्कैमर लोगों पर जल्दी से पैसे देने के लिए दबाव बनाते हैं.
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डिजिटल अरेस्ट को कैसे पहचानें?
नंबर की जांच करें - अगर आपके पास कभी इस तरह का कॉल आता है तो सबसे पहले नंबर की जांच करें. अक्सर इस तरह की कॉल्स विदेशी नंबरों से आती है.
झांसे में न आएं - आप किसी अपराध में शामिल हैं इस बात का भरोसा दिलाने के लिए स्कैमर आपको नकली एफआईआर की कॉपी, झूठे बैंक अकाउंट और ट्रांजैक्शन, नकली पासबुक समेत अन्य डॉक्यूमेंट दिखा सकते हैं.
कभी भी पैसे न दें - किसी भी अज्ञात व्यक्ति को पैसे न दें, खासकर अगर वे आपको डरा रहे हैं.
कॉल काट दें - अगर आपको ऐसा कोई कॉल आता है तो तुरंत कॉल काट दें.
जांच कॉल पर नहीं होती - इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि पुलिस या कोई भी सरकारी एजेंसी कभी भी फोन कॉल या वीडियो कॉल पर किसी भी तरह के मामले की जांच या स्टेटमेंट रिकॉर्ड नहीं करती.
अपने घरवालों को बताएं - अपने परिवार और दोस्तों को इस तरह के फ्रॉड के बारे में बताएं ताकि वे भी सतर्क रहें.
साइबर सेल से संपर्क करें - अगर आपको लगता है कि आप इस तरह के फ्रॉड का शिकार हुए हैं तो तुरंत साइबर सेल से संपर्क करें.