Google पर 15 साल पुराने केस में आया फैसला, लगा 26 हजार करोड़ रुपये का जुर्माना, जानें मामला
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Google पर 15 साल पुराने केस में आया फैसला, लगा 26 हजार करोड़ रुपये का जुर्माना, जानें मामला

Google Fine: गूगल पर उसके शॉपिंग कंपेरिजन सर्विस के दुरुपयोग के लिए 2.4 बिलियन पाउंड (लगभग 26,172 करोड़ रुपये) का भारी जुर्माना लगाया गया है. यह फैसला 15 साल पुराने एक केस में आया है. आइए आपको इसके बारे में बताते हैं. 

 

Google पर 15 साल पुराने केस में आया फैसला, लगा 26 हजार करोड़ रुपये का जुर्माना, जानें मामला

Google पर उसके शॉपिंग कंपेरिजन सर्विस के दुरुपयोग के लिए 2.4 बिलियन पाउंड (लगभग 26,172 करोड़ रुपये) का भारी जुर्माना लगाया गया है. यह फैसला 15 साल पुराने एक केस में आया है, जिसे इंग्लैड के एक दंपति शिवौन और एडम रैफ ने शुरू किया था. दंपति की Foundem नाम की एक प्राइस कंपेरिजन वेबसाइट थी, जिसे गूगल के सर्च एल्गोरिथ्म द्वारा गलत तरीके से दंडित किया गया था.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक गूगल ने 2017 में यूरोपीय आयोग द्वारा लगाए गए जुर्माने के खिलाफ अपील की थी, लेकिन पिछले महीने यूरोप की शीर्ष अदालत यूरोपिय न्यायालय ने अपील को खारिज कर दिया था. 

कैसे शुरू हुआ सब कुछ
रैफ ने 2006 में यूजर्स को इलेक्ट्रॉनिक्स, फ्लाइट्स और अन्य वस्तुओं की कीमतों की तुलना करने की सुविधा देने के लिए फाउंडेम नाम की वेबसाइट लॉन्च की थी. इस वेबसाइट को लॉन्च करने के लिए रैफ ने अपनी जॉब भी छोड़ दी थी. दंपति का कहना है कि जल्द ही फाउंडेम को Google द्वारा "प्राइस कंपेरिजन" और "कंपेरिजन शॉपिंग" जैसी रेलेवेंट क्वेरी के लिए सर्च रिजल्ट्स की लीस्ट में नीचे डाल दिया गया था.

रैफ ने कहा कि "हम अपने पेजों की मॉनिटरिंग कर रहे थे कि वे कैसे रैंक कर रहे थे, और फिर हमने देखा कि वे सभी लगभग तुरंत गिर गए. " शिवॉन ने कहा कि "हमें शुरू में लगा कि यह कोलैटरल डैमेज था, कि हमें स्पैम के रूप में गलत पॉजिटिवस का पता चला था. हमने सोचा कि हमें सही तरीके से मेहनत करनी होगी और इसे बदल दिया जाएगा." 

इसका मतलब था कि दंपति की वेबसाइट, जो ग्राहकों को अन्य वेबसाइटों पर अपने प्रोडक्ट लिस्टिंग पर क्लिक करने पर शुल्क लेती थी, पैसे कमाने के लिए संघर्ष कर रही थी. रैफ का कहना कि है "अगर आपको ट्रैफिक से वंचित किया जाता है, तो आपके पास कोई बिजनेस नहीं बचता.," 

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दंपति ने कथित तौर पर Google को साल 2008 के अंत तक प्रतिबंध हटाने के लिए कई रिक्वेस्ट भेजी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. फिर उन्हें बताया गया कि उनकी वेबसाइट अचानक लोड होने में धीमी हो गई थी. जबकि दंपति ने सोचा कि यह एक साइबर हमला था. रैफ कहते हैं कि "लेकिन वास्तव में यह सिर्फ इतना था कि हर कोई हमारी वेबसाइट पर आने लगा था." 

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Google का क्या कहना है
Google के एक प्रवक्ता ने कहा कि CJEU का फैसला 2024 में केवल "हमने 2008-2017 तक प्रोडक्ट रिजल्ट कैसे दिखाए से संबंधित है. प्रवक्ता ने कहा कि "हमने 2017 में यूरोपीय आयोग के शॉपिंग निर्णयों को मानने के लिए जो बदलाव वो सात साल से ज्यादा समय से सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं, 800 से ज्यादा कंपैरिजन सर्विस के लिए अरबों क्लिक जेनरेट कर रहे हैं. इस कारण से हम फाउंडेम द्वारा किए गए दावों का कड़ा विरोध करते हैं और ऐसा करेंगे. जब मामला अदालतों द्वारा माना जाएगा."

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