व्हाट्सएप ने भारत में इस साल जनवरी से मार्च के बीच 2 करोड़ 23 लाख से भी ज्यादा अकाउंट्स पर रोक लगा दी है. ये पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुना है. ये आंकड़ा बताता है कि ऑनलाइन धोखाधड़ी और यूजर्स की सुरक्षा भारत में एक बड़ी चिंता बनती जा रही है. व्हाट्सएप ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जनवरी से मार्च के बीच भारत में जिन खातों को बंद किया गया, उन पर कार्रवाई करने के पीछे कुछ खास कारण थे. ये कारण भारत सरकार के साल 2021 के सूचना टेक्नॉलॉजी नियमों के तहत बनते हैं.


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इन खातों को बंद करने के पीछे मुख्य रूप से तीन वजहें रहीं:


यूजर्स की शिकायतें: कई भारतीय यूजर्स ने व्हाट्सएप की शिकायत निवारण प्रणाली के ज़रिए शिकायतें दर्ज कराई थीं. उन्हीं शिकायतों के आधार पर कुछ खातों पर कार्रवाई की गई.
कानून या नियम तोड़ना: कुछ खातों को इसलिए बंद किया गया क्योंकि वो भारतीय कानून या व्हाट्सएप के अपने नियमों को तोड़ रहे थे. व्हाट्सएप खुद ही ऐसे खातों को पकड़ने के लिए तरीके इस्तेमाल करता है.
GAC के आदेश: कुछ मामलों में ग्रीवांस अपीलीय कमेटी (GAC) ने व्हाट्सएप को कुछ खातों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे. व्हाट्सएप ने उन आदेशों का पालन किया.


व्हाट्सएप की साल 2024 की जनवरी, फरवरी और मार्च की मासिक रिपोर्ट बताती है कि हर महीने ज़्यादा से ज्यादा अकाउंट्स को बंद किया गया. सिर्फ जनवरी में ही व्हाट्सएप ने 67 लाख से ज्यादा खातों को बंद कर दिया, जिनमें से 13 लाख से ज्यादा खातों को किसी भी यूजर की शिकायत आने से पहले ही निष्क्रिय कर दिया गया था.


फिर भी व्हाट्सएप ने और भी ज़्यादा खातों को बंद करना जारी रखा. फरवरी 2024 में 76 लाख से ज़्यादा खातों को हटाया गया, जिनमें से 14 लाख से ज़्यादा को किसी भी शिकायत के बिना ही बंद कर दिया गया. ये सिलसिला मार्च 2024 में भी चला, जहाँ कुल 79 लाख 54 हज़ार खातों को बंद किया गया, जिनमें से 14 लाख 30 हजार अकाउंट्स को पहले ही निष्क्रिय कर दिया गया था. ये आंकड़े बताते हैं कि पूरे तीन महीनों में व्हाट्सएप ने ज्यादा से ज्यादा खातों को बंद करने के साथ-साथ संदिग्ध गतिविधियों को रोकने के लिए पहले से ही कदम उठाना शुरू कर दिया है.