EVM in India: भारतीय चुनावों में इस्तेमाल होने वाली EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) द्वारा बनाई जाती हैं. ये दोनों सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां हैं. EVM का निर्माण एक सुरक्षित और विश्वसनीय प्रक्रिया के तहत किया जाता है.


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EVM के निर्माण की प्रक्रिया निम्नलिखित है:


सबसे पहले, EVM के लिए आवश्यक सभी कंपोनेंट्स खरीदे जाते हैं। इन घटकों में चिप्स, सॉफ्टवेयर, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं.
इन घटकों को फिर एक सुरक्षित फैसिलिटी में एकत्र किया जाता है, जहां उन्हें EVM में संयोजित किया जाता है.
एक बार जब EVM पूरी तरह से बन जाती है, तो इसे परीक्षण के लिए भेजा जाता है. परीक्षण में यह सुनिश्चित किया जाता है कि EVM सही तरीके से काम कर रही है.
परीक्षण के सफल होने के बाद, EVM को चुनाव आयोग को सौंप दिया जाता है.


चुनाव आयोग द्वारा EVM का रखरखाव और परीक्षण कैसे किया जाता है?


चुनाव आयोग EVM का रखरखाव और परीक्षण सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन करता है. यह समिति EVM की सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है.


EVM का रखरखाव और परीक्षण निम्नलिखित तरीकों से किया जाता है:


EVM को नियमित रूप से परीक्षण किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सही तरीके से काम कर रही हैं.
EVM को सुरक्षित स्थानों पर रखा जाता है ताकि उनमें किसी तरह का दुरुपयोग या छेड़छाड़ न हो सके.
EVM के सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट किया जाता है ताकि उन्हें नवीनतम सुरक्षा उपायों से लैस किया जा सके.


EVM की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए जाते हैं?


EVM की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा कई उपाय किए जाते हैं. इन उपायों में शामिल हैं:


EVM का निर्माण एक सुरक्षित और विश्वसनीय प्रक्रिया के तहत किया जाता है.
EVM का परीक्षण एक स्वतंत्र समिति द्वारा किया जाता है.
EVM को सुरक्षित स्थानों पर रखा जाता है.
EVM के सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट किया जाता है.
इन उपायों के कारण EVM को एक विश्वसनीय और सुरक्षित मतदान उपकरण माना जाता है.