नई दिल्लीः भारत में गुजरात एक मात्र ऐसा राज्य है जो पर्यटन को लेकर सबसे ज्यादा विविधता वाला प्रदेश माना जाता है. यहां नमक का सफेद रण भी है, तो वेटलैंड्स मतलब जल से परिपूर्ण इलाके भी हैं. विश्व का प्रथम शहरो में शामिल धोलावीरा भी गुजरात में है. तो वन्यजीवों से समृद्ध गिर के जंगल भी गुजरात में हैं. साथ ही साबरमती आश्रम, रानी की वाव और चांपानेर शहर जैसे ऐतिहासिक महत्व वाले स्थल भी गुजरात में है देश का सबसे लम्बा 1600 किमी समंदर किनारा गुजरात में है, जहां 16 बिच है. 


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लगभग 11 महीने पहले वड़ोदरा से 90 किमी की दुरी पर केवडिया में सरदार वल्लभ भाई पटेल की 597 फिट ऊंचा विशालकाय स्टेच्यू ऑफ यूनिटी बनाया गया है. जो आजकल पर्यटकों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और लाखों की संख्या में पर्यटक यहाँ पहुंचते हैं. इस स्टेच्यू के निर्माण में कुल 57 महीने का समय लगा, 250 इंजीनियर और तीन हजार से जायदा श्रमिकों ने इस स्टेच्यू का निर्माण किया और बनने के बाद 11 महीनों में 26 लाख से ज्यादा पर्यटक यहां पहुंच चुके हैं. 


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साथ ही इसके सामने सरदार सरोवर बांध बना हुआ है जो इस जगह पर चार चांद लगाता है. अब तो सरकार ने इस इलाके को और तेजी से डेवेलप करना शुरू कर दिया है और पर्यटकों के लिए सफारी ZOO , रिवर राफ्टिंग सहित कई और दर्शनीय स्थान बनाये जा रहे हैं और कई हद तक बन भी चुके हैं. आने वाले समय में इस स्थान का महत्त्व पर्यटन बढ़ने वाला है. 


वहीं 12 आदि ज्योतिर्लिंग में सबसे पहले माने जाने वाले सोमनाथ मंदिर का भी अपना एक अलग महत्व है. यहां भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं. इस मंदिर का निर्माण दो हजार साल पहले हुआ था और साल 1951 में इस मंदिर का नवसर्जन किया गया. सोमनाथ मंदिर वेरावल के नजदीक प्रभास पाटण में  स्थित है. आजादी के बाद सरदार पटेल की कोशिशों से इस मंदिर का नवसर्जन किया गया. 1951 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा इस ज्योतिर्लिंग की प्रतिष्ठा की गई और अब हर साल 45 लाख से ज्यादा लोग इस मंदिर के दर्शन के लिए यहां पहुंचते है.  


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वहीं जिस स्थान को भारतीय करंसी में जगह मिली, ऐसा स्थान एक है रानी की वाव, जिसे 11वीं सदी में बनाया गया था और 1968 में उसका जीर्णोद्धार किया गया. अहमदाबाद से लगभग 125 किलोमीटर की दुरी पर स्थित रानी की वाव का वर्ड हेरिटेज में समावेश है. 11 वीं सदी में सोलंकी वंश के शासक भीमदेव प्रथम की पत्नी रानी उदयमति ने इस वाव का निर्माण करवाया था. 1968 में पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई कर इस वाव को अपने मूल स्वरुप में लाया गया. वाव का अर्थ हिंदी में पानी का कुंआ होता है. इस स्थान को देखने के लिए भी दुनिया भर से हर साल तीन लाख से ज्यादा पर्यटक यहां पहुंचते हैं.  


फोटो साभारः twitter

साथ ही 1153 किलोमीटर के विस्तार में फैला हुआ गिर का जंगल की पर्यटकों को खास आकर्षित करता है. इस  वन्य प्राणियों के साथ 500 से ज्यादा शेर बसते हैं.  जो यहां आने वाले पर्यटकों के लिए खास केंद्र होते हैं. सौराष्ट्र, जूनागढ़, अमरेली और तलाला तक 1153 किमी इलाके में सासण गिर का जंगल फैला हुआ है. गिर का यह जंगल एशियाटिक शेरों के रहने का एक मात्र स्थान है और आज इस वन में 500 से जयादा शेर रहते हैं. 2400 से जयादा अलग-अलग तरह के वनस्पति इस जंगल में मौजूद हैं और सैकड़ों प्रकार के पशु-पक्षी सरीसृप जीव इस जंगल में पाए जाते हैं. गिर के जंगल को देखने के लिए हर साल पांच लाख से जयादा देश -विदेश से पर्यटक यहां पहुंचते हैं.  


फोटो साभारः twitter/Gujarat Tourism

वहीं देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का साबरमती आश्रम जिसकी स्थापना गांधी जी ने 1917 में की थी यहां महात्मा गांधी और कस्तूरबा नेलम्बा समय बिताया था. इस स्थान को देखने के लिए खास पर्यटक यहां पहुंचते हैं और गांधी के विचारों और उनके जीवन के बारे में जानकारी हासिल करते हैं क्यों की यहां गांधीजी जो भी चीजें इस्तमाल करते थे, यह सब चीजें इस आश्रम में आज भी मौजूद है. इस स्थान पर हर साल लगभग सात लाख से ज्यादा पर्यटक आश्रम देखने पहुंचते हैं.  


वहीं द्वारका में स्थित बेट द्वारका भी पर्यटकों और भक्तों के लिए खास आकर्षण का केंद्र है. इस जगह का भी लोगो के लिए एक खास महत्त्व है क्योंकि यहां भगवान कृष्ण की नगरी है. जहां आज भी भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी के अवशेष पानी के नीच होने की बात कही जाती है. इस स्थान पर लाखों की संख्या में देश विदेश से लोग पहुंचते हैं.


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अगर पर्यटन की बात करें तो देश में आज गुजरात पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है और 12 साल के अंदर गुजरात का पर्यटन 263 प्रतिशत बढ़ा है. गुजरात में कई पर्यटन स्थल हैं, जिसे वर्ल्ड टूरिज्म मैप में स्थान मिला हुआ है. खास कर देश के प्रधानमंत्री और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात के पर्यटन को बढ़ावा देने बहुत बड़ी भूमिका अदा की पीएम मोदी ने 10 साल पहले कड़ी मेहनत कर गुजरात पर्यटन को देश-विदेश में गुजरात का महत्त्व समझते हुए पहुंचाया और गुजरात टूरिज्म खास स्लोगन तैयार किया गया "कुछ दिन तो गुजारिए गुजरात में" जो देश-विदेश में एक बड़ी कैम्पेनिंग के रूप में फैला. पिछले  साल गुजरात में 5.75 करोड़ पर्यटक पहुंचे.