सिक्किम अपनी नेचुरल सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है. हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं. लेकिन बढ़ते पर्यटन के साथ कचरे की समस्या भी बढ़ रही थी. पहाड़ी इलाकों में कचरे का हटाना एक बड़ी चुनौती है और इससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचता है. इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. अब पर्यटकों को अपने साथ कचरा बैग लाना होगा और अपने कचरे का खुद ही डिस्पोजल करना होगा.


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सिक्किम सरकार ने राज्य की प्राकृतिक सुंदरता को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अब राज्य में आने वाले सभी पर्यटक वाहनों को अपने साथ कचरा बैग लाना अनिवार्य कर दिया है. पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह कदम पर्यावरणीय स्थिरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है. 


रैंडम चेकिंग होगी
जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि यह टूर ऑपरेटरों, ट्रैवल एजेंसियों और वाहन चालकों की जिम्मेदारी होगी कि वे यात्री को कचरा निपटान के लिए कचरा बैग का उपयोग करने के बारे में सूचित करें. अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पर्यटक वाहनों की रैंडम चेकिंग की जाएगी और आदेश का उल्लंघन करने वाले किसी भी वाहन को दंडित किया जाएगा. अधिकारियों ने कहा, "पर्यटकों को वेस्ट मैनेजमेंट और पर्यावरणीय स्थिरता के बारे में शिक्षित करने के लिए स्वच्छता के बारे में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं.


नियम लागू करने में चुनौती
हालांकि, इस नियम को लागू करने में कुछ चुनौतियां भी हैं. पर्यटकों को इसके बारे में जागरूक करने की जरूरत है और कचरे के डिस्पोजल की उचित व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी होगी. लेकिन अगर इस नियम का सही तरीके से पालन किया गया तो यह सिक्किम के पर्यावरण संरक्षण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है.


अन्य राज्यों के लिए ये एक बेहतरीन उदाहरण
सिक्किम सरकार की यह पहल देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है. अगर सभी राज्य इस तरह के कदम उठाते हैं तो देश को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने में काफी मदद मिलेगी. आइए हम सभी मिलकर अपने देश की प्राकृतिक संपदा को बचाने के लिए प्रयास करें.