नई दिल्ली: देश के कोने-कोने में प्रकृति ने अपना सौंदर्य बिखेरा हुआ है. इन दिनों ट्रैवलिंग का रंग-रूप भी काफी बदल गया है. अब छुट्टियों में हाइकिंग और ट्रैकिंग पर जाना पसंद करते हैं क्योंकि इस दौरान उन्हें नेचर को पास से देखने का मौका मिलता है. छत्तीसगढ़ अभी भी उन प्रदेशों में से एक है जहां जंगल और पहाड़ नवीनीकरण से बचे हुए हैं. छत्तीसगढ़ की कुछ ऐसी जगहों पर सैलानियों की संख्या हर साल बढ़ रही है. इन क्षेत्रों में हेरिटेज साइट्स से लेकर फेमस मंदिर तक पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ खींच रहे हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चित्रकोट फॉल्स, बस्तर 
छत्‍तीसगढ़ में मौजूद चित्रकोट फॉल भी इस मौसम में कुछ ज्‍यादा ही खूबसूरत हो जाता है. बस्‍तर जिले में स्‍थित इस फॉल को देखने के लिए पर्यटक काफी दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं. नक्‍सल इलाके में मौजूद होने के बावजूद ये जगह अब ऑफबीट पर्यटन स्‍थलों की पसंदीदा जगहों में से एक है. चित्रकोट फॉल्स को भारत का नियाग्रा फॉल भी कहा जाता है.


छत्तीसगढ़ का खजुराहो 
छत्तीसगढ़ में मौजूद भौरमदेव मंदिर को छत्तीसगढ़ का खजुराहो भी कहा जाता है. 7 से 11वीं शताब्दी के बीच बने इस मंदिर को राज रामचंद्र ने बनवाया था. भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर को नागर स्टाइल में बनवाया गया है. इसे देखने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी लोग आते हैं. 



सिरपुर हेरिटेज साइट 
रायपुर से 84 किलोमीटर दूर सिरपुर में मौजूद इस प्राचीन धरोहर को देखने के लिए पुरातत्व विभाग से लेकर टूरिस्ट तक आते हैं. इस जगह को 5वीं से 8वीं शताब्दी के बीच बनाय गया था. लक्ष्मण मंदिर यहां के खास आकर्षण में से एक है क्योंकि ये देश का पहला मंदिर है जिसे ईंटों से बनाया गया था. 


...इसलिए बप्पा को कहा जाता है एकदंत, जानें छत्तीसगढ़ के ढोलकल गणेश की महिमा


 


तीरथगढ़ फॉल्स 
छत्तीसगढ़ के बस्‍तर जिले में कांगेर नदी पर स्थित तीरथगढ़ फॉल्स की ऊंचाई 299 फीट है. तीरथगढ़ फॉल्स कांगेर घाटी नेशनल पार्क का हिस्सा है. गर्मी के दिनों में यहां का पानी एकदम गर्म होता है लेकिन सितंबर से लेकर नवंबर तक यहां का मौसम पर्यटन के हिसाब से एकदम परफेक्ट होता है. 



मां बम्लेश्वरी का धाम डोंगरगढ़
राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी का भव्य मंदिर स्थित है. राज्य की सबसे ऊंची चोटी पर विराजमान डोंगरगढ़ की मां बम्लेश्वरी का इतिहास काफी पुराना है. मां की एक झलक पाने के लिए दूर-दूर से भक्तों का जत्था माता के धाम पहुंचता है. इसी के साथ डोंगरगढ़ में प्रकृति का सौंदर्य आपको मंत्रमुग्ध कर देने के लिए काफी है.