नई दिल्ली: बजट 2020 (Budget 2020) के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है. एक फरवरी को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट आएगा. इस बार मॉनसून बेहतर रहा. सरकार का 2022 तक किसानों का आय दोगुना करने पर लक्ष्य है. सूत्रों के मुताबिक सरकार बजट में फर्टिलाइजर के लिए सब्सिडी बढ़ा सकती है. बजट में ग्रामीण इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए सरकार और बड़े कदम उठा सकती है. साथ ही फर्टिलाइजर के DBT स्कीम से लीकेजेज में कितनी कमी आई है. इन सभी मुद्दों पर फर्टिलाइजर सेक्रेटरी छबिलेन्द्र राउल ने बात की.


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छबिलेन्द्र राउल ने कहा कि खस्ताहाल फर्टिलाइजर कंपनियों का रिवाइवल जरूरी है. बंद पड़े फर्टिलाइजर प्लांट फिर से शुरू होने चाहिए. फर्टिलाइजर डिस्ट्रीब्यूशन को प्राथमिकता मिले. बजट में फर्टिलाइजर सब्सिडी आवंटन बढ़ने की उम्मीद है.


बक्वीट से फिट बनेगा इंडिया, सरकार दे रही परंपरागत खेती को बढ़ावा
यहां ये भी गौर करने वाली बात है कि खान-पान की बदलती आदतों और कामकाज की आपाधापी में सेहतमंद बने रहने के लिए भोजन में उन खाद्यान्नों का चयन करना लाजिमी है जो आपको तंदुरुस्त रख सकता है. इनमें बक्वीट यानी कूट्टू काफी फायदेमंद अनाज है जिससे मधुमेह जैसी बीमारी से निजात मिल सकती है. यही कारण है कि केंद्र सरकार बक्वीट की खेती को बढ़ावा दे रही है. डॉक्टर बताते हैं कि बक्वीट में मैग्नीशियम, विटामिन-बी, आयरन, कैल्शियम, फॉलेट, जिंक, कॉपर, मैग्नीज और फासफोरस भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं.


केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कैलाश चौधरी की माने तो फिट इंडिया के लिए बक्वीट जैसे प्रोटीनयुक्त खाद्यान्नों का सेवन जरूरी है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि केंद्र सरकार परंपरागत खेती को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने कहा कि फिट इंडिया का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब अपने भोजन में लोग मोटे अनाज खाना पसंद करेंगे, जिससे तंदुरुस्ती मिलेगी.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल राष्ट्रीय खेल दिवस (29 अगस्त) पर फिट इंडिया मूवमेंट लांच करते हुए कहा था कि न्यू इंडिया को फिट इंडिया बनाए रखने के लिए व्यक्ति, परिवार और समाज का स्वस्थ होना लाजिमी है, लेकिन फिट इंडिया तभी बनेगा जब लोग तंदुरुस्ती प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थो का सेवन करेंगे. ऐसे में बक्वीट काफी लाभदायक और सेहतमंद भोजन साबित हो सकता है.


बक्वीट की पैदावार बढ़ाने की दिशा में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को लेकर संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा सदस्य डॉ. सुभाष रामराव भामरे और डॉ. डी.एन.वी. सेंथिलकुमार के सवालों का जवाब देते हुए कृषि मंत्रालय द्वारा दिए लिखित जवाब में बताया गया कि वर्ष 2018-19 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत मोटे अनाज की पैदावार को बढ़ावा देने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम को देश के 14 राज्यों के 202 जिलों में लागू किया गया है.