जाल में फंसकर रह जाएंगे कोरोना वायरस और बैक्टीरिया, वैज्ञानिकों ने बनाया ये `अस्त्र`
Coronavirus Spray Coating: कोटिंग सार्वजनिक जगहों जैसे लिफ्ट के बटन, रेलिंग, अस्पतालों और नर्सिंग होम्स की सतह, स्कूलों और रेस्तरां में इस्तेमाल की जा सकती है, ताकि वायरस और बैक्टीरिया को फैलने से रोका जा सके.
Surface Coating: ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों को एक ऐसा 'अस्त्र' तैयार किया है, जो न सिर्फ सतह को बैक्टीरिया, वायरस बल्कि कुछ समय तक कोविड-19 से भी बचाएगा. दरअसल वैज्ञानिकों ने अपनी तरह का पहला स्प्रे कोटिंग बनाया है. जर्नल एडवांस्ड साइंड के मुताबिक यह स्प्रे दो तरह से काम करता है.
हवा से भरे बैरियर के जरिए यह वायरस और बैक्टीरिया को दूर भगाता है और अगर परत बर्बाद हो जाती है या पानी में डूब जाती है तो माइक्रोस्कोपिक मटीरियल के जरिए बैक्टीरिया को मार गिराती है. इस स्प्रे को प्लास्टिक के कॉम्बिनेशन के जरिए बनाया गया है, जो इतने मजबूत हैं कि इनका इस्तेमाल बुलेट प्रूफ ग्लास की जगह भी किया जा सकता है.
कोटिंग इकलौती स्थायी सतह परत है जो सतह को वायरस के इन्फेक्शन से बचाने के लिए काफी है. इस वजह से यह मार्केट में मौजूद कीटाणुनाशकों का एक अहम विकल्प बन जाता है, जो आजकल कम असरदार साबित हो रहे हैं. उनको बार-बार छिड़कने की जरूरत पड़ती है. जर्नल के मुताबिक यह मौजूदा कीटाणुनाशकों के विकल्पों से ज्यादा सेफ है. इसके कोई खतरनाक साइड इफेक्ट्स नहीं हैं.
स्कूलों-रेस्तरां में हो सकते हैं इस्तेमाल
लेखकों के मुताबिक कोटिंग सार्वजनिक जगहों जैसे लिफ्ट के बटन, रेलिंग, अस्पतालों और नर्सिंग होम्स की सतह, स्कूलों और रेस्तरां में इस्तेमाल की जा सकती है, ताकि वायरस और बैक्टीरिया को फैलने से रोका जा सके.
यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के स्कूल ऑफ बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर एंटोनियो ट्रिकोली के अनुसार, वायरल और बैक्टीरिया के फैलने से सतहों के जरिए दुनिया भर में इन्फेक्शन फैल रहा है. सतही इन्फेक्शन भी एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीवाणु उपभेदों के पनपने में अहम है.
एक हफ्ते सतह पर रह सकते हैं वायरस
ट्रिकोली ने कहा, बिना बैरियर के कोरोना वायरस जैसे वायरस एक हफ्ते तक सतहों पर रह सकते हैं. उन्होंने कहा, रियोवायरस, जिससे सर्दी और डायरिया होता है, वह कई हफ्तों तक सतह पर रह सकता है, जिससे अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में बीमारों की तादाद बढ़ सकती है.
कैसे करेगा काम
स्प्रे को ऑस्ट्रेलियाई अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान परिषद से मिली फंडिंग के जरिए एक मल्टी यूनिवर्सिटी रिसर्च टीम ने पांच साल में बनाया है. प्रोफेसर ट्रिकोली ने कहा कि यह सतही स्प्रे कमल के फूल की तरह पानी को दूर भगाने वाली कोटिंग बना लेता है. चूंकि वायरस पानी में ज्यादा रहना पसंद करते हैं, लिहाजा वे बूंदों के जाल में फंस जाते हैं. इससे सतह दूषित नहीं होती. अगर यह तरीका फेल भी हो जाता है तो कोटिंग में बिखरे बेहद खास तरीके से डिजाइन किए नैनोमटेरियल्स आयनों का दूसरा विस्फोट छोड़ते हैं.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर