नई दिल्ली: तालिबान ने अफगानिस्तान में अपने सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा कर दी है. तालिबान सरकार की घोषणा के कुछ घंटों बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने तालिबान, चीन, रूस, पाकिस्तान और ईरान को लेकर बड़ा बयान दिया है. बाइडेन ने कहा है कि तालिबान के साथ चीन की कुछ समस्याएं हैं, इसलिए वे तालिबान के साथ कुछ समझौता करने की कोशिश कर रहा है.


अमेरिका ने खोली पोल?


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अमेरिकी राष्ट्रपति से जब पूछा गया था कि क्या उन्हें इस बात की चिंता है कि चीन तालिबान को धन मुहैया कराएगा. इस सवाल के जवाब में उन्होंने आगे कहा, जैसा पाकिस्तान करता है, वैसा ही रूस करता है और ईरान भी वही करता है. वे सभी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें अब क्या करना है. तो देखते रहिए आखिर क्या होता है.  


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अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान ठीक उस दिन आया जब तालिबान ने हफ्तों के विचार-विमर्श के बाद अफगानिस्तान में एक नई अंतरिम सरकार की घोषणा की. इस कैबिनेट में एक भी महिला को जगह नहीं मिली है. तालिबान ने मुल्ला हसन अखुंद को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. मंत्रिमंडल में अमेरिका नीत गठबंधन और अफगान सरकार के सहयोगियों के खिलाफ 20 साल तक चली जंग में दबदबा रखने वाली तालिबान के शीर्ष हस्तियों को शामिल किया गया है. तालिबान के पिछले शासन के अंतिम सालों में अखुंद ने अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर काबुल में तालिबान की सरकार का नेतृत्व किया था. अमेरिका के साथ वार्ता का नेतृत्व करने वाले मुल्ला गनी बरादर को उप प्रधानमंत्री बनाया जाएगा. 


भारत-रूस की बैठक पर दुनिया की नजर


इधर, बुधवार को ही भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल रूस के NSA से मुलाकात करने वाले हैं. रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दिल्ली पहुंच रहे हैं और दिल्ली में दो बड़े रणनीतिकारों की ये मुलाकात अफगानिस्तान के नए हालात और उस हालात से जुड़े देश चीन और पाकिस्तान के मद्देनजर होगी. इसीलिए इस बैठक पर चीन पाकिस्तान समेत तालिबान की भी नजर जरूर होगी.


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