4B Movement: 2024 के अमेरिकी चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की जीत अमेरिका में लाखों महिलाओं को रास नहीं आई है और हज़ारों अमेरिकी महिलाएं ट्रंप की जीत के लिए पुरुषों को दोषी ठहरा रही हैं और 4B आंदोलन में शामिल हो गई हैं, जिसमें उन्होंने बदला लेने और विरोध के तौर पर सेक्स न करने, रिश्ते न बनाने, शादी न करने और बच्चे न पैदा करने की कसम खाई है. 4B आंदोलन की शुरुआत दक्षिण कोरिया में हुई थी और 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के जीतने पर मचे बवाल के बीच यह अमेरिका में ट्रेंड कर रहा है.


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दक्षिण कोरिया का "4B आंदोलन" (4B Movement) एक सामाजिक और राजनीतिक अभियान है, जिसका मुख्य उद्देश्य नारीवाद और लिंग समानता को बढ़ावा देना है. यह आंदोलन विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उन्हें समान अवसर देने पर केंद्रित है. हाल ही में हुए अमेरिकी चुनाव में कमला हैरिस के डेमोक्रेटिक कैंप ने ट्रंप की नारीवाद विरोधी छवि पेश की और अब कई अमेरिकी महिलाओं ने वीडियो पोस्ट किए हैं, जिनमें वे ट्रंप की जीत पर आंसू बहाती नज़र आ रही हैं. अब, वे 4B आंदोलन में शामिल हो रही हैं.


4B नाम 4 नंबर से आया है. 4B मतलब चार बार B होता है. कोरियाई भाषा में B, नो का संक्षिप्त रूप है. यह आंदोलन मीटू और 'एस्केप द कोर्सेट' आंदोलनों के बाद दक्षिण कोरिया में आया. 4B आंदोलन दक्षिण कोरिया में कोई चलन नहीं था और कोरियाई समाज पर इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. अब, अमेरिका में महिलाएं इसे अपना रही हैं और सेक्स, शादी, बच्चों और डेटिंग को ना कह रही हैं. 


क्या हैं चार शब्द?


➤ बिहोन (Bihon)- किसी दूसरे लिंग यानी पुरुष से शादी नहीं
➤ बिकुलसन (Bichilsan) - कोई बच्चा नहीं
➤ बियोनाए (Biyeonae)- पुरुषों के साथ डेटिंग भी नहीं
➤ बिसेकसेउ (Bisekseu)- पुरुषों के साथ यौन संबंध नहीं


दो हिस्सों में बंटी महिलाएं


यह तब हुआ जब कई महिलाओं ने कमला हैरिस के अमेरिकी चुनाव जीतने की उम्मीद की थी क्योंकि उन्हें कमला हैरिस से अपने प्रजनन अधिकारी की रक्षा की भी उम्मीद थी. हालांकि चुनाव ट्रंप ने शानदार जीत हासिल की. ट्रंप की जीत के बाद यह आंदोलन इंटरनेट पर तेजी से सर्च किया जा रहा है. हालांकि महिलाओं का एक वर्ग है जो अमेरिका में 4बी आंदोलन में भाग लेने वाली महिलाओं की आलोचना कर रहा है.


क्या होगा असर?


अमेरिका में 4बी आंदोलन का उदय दरअसल ट्रंप बनाम हैरिस अभियान के दौरान देखी गई लिंगों की कटु लड़ाई का अगला वर्जन है. यह आंदोलन अमेरिकी समाज पर कितना और किस हद तक असर डालेगा, यह आने वाले सालों में पता चलेगा. अभी के लिए यह तय है कि अमेरिकी महिलाओं ने ट्रंप की जीत को व्यक्तिगत रूप से लिया है और वे इसका गुस्सा पुरुष मतदाताओं पर निकाल रही हैं.


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