Horror execution: पार्टनर को `धोखा` देने पर ऐसी खौफनाक सजा, 51 दोषियों को पत्थर मार-मार कर दी जाएगी मौत
Horror executions in Iran: पत्थरों से मारकर मौत की सजा देने के लिए भी ईरान में एक प्रक्रिया अपनाई जाती है. इसके तहत पहले दोषी को कपड़े में लपेटा जाता है और फिर धड़ तक जमीन में गाड़ दिया जाता है. फिर उस दोषी पर तब तक पत्थर बरसाए जाते हैं जब तक उसकी मौत न हो जाए.
Horror executions in Iran: ईरान में खौफनाक सजा का सिलसिला कोई नया नहीं है और वहां शरिया कानून के तहत कठोर सजा दी जाती है. लेकिन इस बार अपनी पत्नी को धोखा देने वाले 51 लोगों को ऐसी सजा सुनाई गई है जिसे सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी. इन सभी लोगों को पत्थर मार-मार कर मौत के घाट उताया जाएगा क्योंकि यह अपने पार्टनर्स को धोखा दे रहे थे.
दोषियों में 28 पुरुष और 23 महिलाएं
'द सन' की रिपोर्ट के मुताबिक स्क्रीट दस्तावेजों के लीक होने के बाद ऐसी बर्बर सजा के बारे में जानकारी सामने आई है. इसके बाद यह साफ हो गया कि मध्य पूर्वी देश में किस तरह मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है. 23 महिलाओं और 28 मर्दों को यह खौफनाक सजा मिलने वाली है और इनमें से कुछ की उम्र तो महज 20 से 30 साल के बीच है.
ईरान घोषित तौर पर एक इस्लामिक देश है और यही वजह है कि वहां शरिया कानून के तहत सजा सुनाई जाती है. अदालतों में व्याभिचार (Adultery) को लेकर जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी अपनाई जाती है क्योंकि कुरान की व्याख्या में इसे गंभीर पाप माना गया है.
ऐसे दी जाएगी मौत की सजा
पत्थरों से मारकर मौत की सजा देने के लिए भी ईरान में एक प्रक्रिया अपनाई जाती है. इसके तहत पहले दोषी को कपड़े में लपेटा जाता है और फिर धड़ तक जमीन में गाड़ दिया जाता है. इसके बाद शख्स का आधा हिस्सा जमीन के भीतर और ऊपर वाला हिस्सा बाहर रहता है. फिर उस दोषी पर तब तक पत्थर बरसाए जाते हैं जब तक उसकी मौत न हो जाए. ऐसी सजा के लिए कोई तारीख नहीं तय की जाती है.
ये भी पढ़ें: मिस्र ने बड़ी खोज से हटाया पर्दा, 500 ईसा पूर्व के 250 ताबूत के साथ मिलीं ये चीजें
मौत की सजा की तारीख न तय होने की वजह से जेलों में कैद सैकड़ों अपराध हर रोज खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं क्योंकि उन्हें नहीं पता होता कि कब उनकी आखिरी सुबह होगी. मौत की सजा के दिन ही दोषियों को इसके बारे में पता चलता है. सजा-ए-मौत देने के मामले में ईरान सबसे आगे है.
थमा नहीं बर्बर सजा का सिलसिला
मानव अधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि ईरान की सरकार मध्यकालीन सोच के साथ आज भी ऐसी बर्बर सजा लोगों को देती है. इसमें बॉडी पार्ट्स को काट कर अलग करना और आंखें फोड़ कर अंधा करना तक शामिल है. उनका कहना है कि मौलानाओं के शासन में रहम की कोई जगह नहीं है और ऐसी सजाओं को रोकने के तमाम प्रयास बेकार जा चुके हैं.
LIVE TV