Annual ‘day of conception’ in Russia: दुनिया की बढ़ती आबादी, उसके मौजूदा संसाधनों पर भारी पड़ने लगी है. सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों चीन और भारत में जनसंख्या विस्फोट रोकने के लिए कई उपाय किए गए, ताकि बढ़ती आबादी पर रोक लगाई जा सके. इस बीच दुनिया में कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहां बच्चे पैदा करने के लिए कई तरह के प्रलोभन दिए जाते हैं. जिसमें महिलाओं को बच्चा कंसीव करने और पुरुषों को फैमिली प्लानिंग की कोशिश करने के लिए बाकायदा पेड लीव यानी वेतन के साथ छुट्टी दी जाती है.


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राष्ट्रपति पुतिन की चिंता पर हुई थी पहल


'इंडिपेंडेंट' की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के कुछ हिस्सों खासकर उल्यानोस्क (Ulyanovsk) प्रांत में इस प्रथा की शुरुआत हुई थी. तब रूस की जनसंख्या में बड़ी गिरावट के बारे में खुद राष्ट्रपति पुतिन ने चिंता जताई थी. साल 2006 में अपने टेलीविज़न स्टेट ऑफ़ द नेशन यानी राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस के सामने जनसांख्यिकीय संकट बड़ी चुनौती बन गया है. इसके बाद कुछ प्रांतों में आबादी बढ़ाने के लिए इस छुट्टी की शुरुआत हुई थी. 


बच्चे पैदा करने पर इनाम


इस प्रथा को आगे बढ़ाने के लिए रूस में साल 2007 से कुछ जगहों पर इस तरह की छुट्टी देने की शुरुआत हुई थी. इस दिन को खास बनाने के लिए गवर्नर ने प्रांत में मौजूद सभी दफ्तरों में तैनात कर्मचारियों के लिए साल में एक दिन की छुट्टी देने की वकालत की थी, ताकि लोग चिंताएं छोड़ बस फैमिली प्लानिंग कर सकें. इसके बाद हर साल 12 सितंबर को ‘Day of conception’ यानि बच्चे कंसीव करने के लिए एक खास दिन घोषित किया गया था. इस योजन के तहत जो कपल्स नौ महीने के अंदर खुशखबरी यानी 12 जून तक बच्चे को जन्म देते हैं, उन्हें अलग-अलग इनाम दिए जाते हैं. इन इनामों में अपार्टमेंट और गाड़ी जैसी महंगी चीज़ें भी शुमार होती हैं.


(इस दंपत्ति को मिला था ग्रैंड प्राइज)

कामयाब रही मुहिम


रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से ज्यादा बच्चे पैदा करने वाली महिला को सम्मानित किए जाने की भी स्कीम चलाई थी, ताकि लोग बच्चों के जन्म देने में नहीं हिचकिचाएं. हालांकि ये छुट्टी ऑफिशियल नहीं होती है, लेकिन रूस के कई प्रांतों में इस दिन पब्लिक हॉलीडे जैसा ही माहौल होता है. आपको बताते चलें कि ऐसे आयोजनों के चलते साल 2013 के बाद से देश की जन्म दर में अपेक्षाकृत बढ़ोतरी देखने को मिली. यानी कुछ राज्यों में चलाई गई मुहिम कामयाब रही.


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