Spy Game: इस देश में नेता के वेश में छुपा था जासूस, PM की फैमिली तक थी पहुंच
Australia News: विपक्षी दल ने गुरुवार को सरकार पर पूर्व राजनेता का नाम सार्वजनिक करने के लिए दबाव डाला ताकि वे लोग आरोपों से बच सके जिन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है.
Australia Spy News: ऑस्ट्रेलिया के एक पूर्व नेता पर विदेशी जासूसी नेटवर्क के लिए काम करने का आरोप लगा है. ऑस्ट्रेलियाई सुरक्षा खुफिया संगठन (ASIO) के सुरक्षा महानिदेशक, माइक बर्गेस ने बुधवार शाम को अपने भाषण में यह चौंकाने वाला खुलासा किया. उन्होंने कहा कि उनकी एजेंसी का हाल ही में एक देश के जासूसी गिरोह से सामना हुआ, जिसने कई साल पहले एक अज्ञात पूर्व राजनेता को भर्ती किया था.
बर्गेस ने कहा कि पूर्व नेता ने अपने देश को 'बेच दिया' था. यहां तक कि पीएम के परिवार के एक सदस्य को जासूसों के दायर में लाने की साजिश का सुझाव दिया, हालांकि यह योजना आगे नहीं बढ़ी.
पूर्व पीएम के बेटे का बड़ा खुलासा
खुलासे के बाद, पूर्व पीएम मैल्कम टर्नबुल के बेटे एलेक्स टर्नबुल ने गुरुवार को News.com.au के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि 2017 में जब उनके पिता प्रधानमंत्री कार्यालय में थे, तब संदिग्ध चीनी एजेंटों के एक ग्रुप ने उनसे एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को लेकर संपर्क किया था।
ऑस्ट्रेलिया ने 2018 में विदेशी हस्तक्षेप कानून (foreign interference laws in 2018) पेश किया. कानून पेश करने वाले मैल्कम टर्नबुल ने बाद में कहा कि इस कदम का 'मुख्य उद्देश्य' चीन की गतिविधियों को उजागर करना था.
विपक्ष ने की नाम सार्वजनिक करने की मांग
विपक्षी दल ने गुरुवार को सरकार पर पूर्व राजनेता का नाम सार्वजनिक करने के लिए दबाव डाला ताकि वे लोग आरोपों से बच सके जिन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. हालांकि पीएम ने नाम न बताने के बर्गेस के फैसले का समर्थन किया.
नाम नहीं किया जाएगा सार्वजनिक
बर्गेस ने गुरुवार शाम एक बयान में कहा कि ASIO नाम जारी नहीं करेगा. ASIO के लिए अपने सोर्स की सुरक्षा करना जरूरी है. उन्होंने कहा, 'यह एक ऐतिहासिक मामला है जिसे उस समय उचित तरीके से निपटाया गया। व्यक्ति अब सुरक्षा संबंधी चिंता का विषय नहीं है.'
पीएम ने किया बर्गेज का समर्थन
ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने शुक्रवार को कहा कि वह जासूसी प्रमुख के पूर्व राजनेता का नाम नहीं लेने के फैसले का समर्थन करते हैं.
पीएम ने शुक्रवार कहा कि ASIO ने भाषण के लिए उनकी मंजूरी नहीं मांगी थी, लेकिन उन्हें बर्गेस के फैसले पर भरोसा है. उन्होंने कहा, 'वह वही करते हैं जो उन्हें लगता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है.'