Abu Dhabi Baps Temple: अबू धाबी में बना पहला हिंदू मंदिर एक मार्च से श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी महीने 13 फरवरी को इस भव्य मंदिर का उद्घाटन किया था. मंदिर के प्रवक्ता ने बताया कि यह मंदिर एक मार्च से सुबह नौ बजे से रात आठ बजे तक आम लोगों के दर्शनों के लिए खुला रहेगा. जबकि प्रत्येक सोमवार को मंदिर दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा.


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करीब 700 करोड़ की लागत से हुआ निर्माण


बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) की ओर निर्मित यह मंदिर दुबई-अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल राहबा के पास बनाया गया है. इसके लिए 27 एकड़ जमीन यूएई सरकार ने दान दी है. जिस पर करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से इस दिव्य मंदिर का निर्माण किया गया है. 


बिना किसी धातु के हुआ निर्माण


BAPS के लिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहारीदास ने ने बताया, ‘यहां वास्तुशिल्प पद्धतियों को वैज्ञानिक तकनीकों के साथ जोड़ा गया है. तापमान, दबाव और गति (भूकंपीय गतिविधि) को मापने के लिए मंदिर के हर स्तर पर 300 से अधिक उच्च तकनीक वाले सेंसर लगाए गए हैं. ये सेंसर रिसर्च के लिए लाइव डेटा प्रदान करेंगे.’ मंदिर के निर्माण में किसी भी धातु का उपयोग नहीं किया गया है और नींव को भरने के लिए कंक्रीट मिश्रण में 55 प्रतिशत सीमेंट की जगह राख का उपयोग किया गया है.


तेज गर्मी में भी सह सकता है तापमान


मंदिर के निर्माण प्रबंधक मधुसूदन पटेल के मुताबिक ‘हमने परंपरागत सौंदर्य वाली पत्थर संरचनाओं और आधुनिक समय के शिल्प को मिलाते हुए तापमान रोधी सूक्ष्म टाइल्स और कांच के भारी पैनलों का इस्तेमाल किया है. यूएई में अत्यधिक तापमान को देखते हुए ये टाइल्स दर्शनार्थियों के पैदल चलने में सुविधाजनक होंगी.’


नागर शैली में हुआ है निर्माण


अबू धाबी के इस पहले हिंदू मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है. अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का निर्माण भी इसी शैली में किया जा रहा है. मंदिर में वॉलंटियर की भूमिका निभा रहे राजा के अनुसार, 20 हजार टन से अधिक चूना पत्थर के टुकड़ों को राजस्थान में तराशा गया और फिर उन्हें 700 कंटेनर में भरकर अबू धाबी लाया गया. 


यूएई में अब मंदिरों की संख्या 4 हुई


बताते चलें कि संयुक्त अरब अमीरात में तीन और हिंदू मंदिर हैं, जो दुबई में हैं. जबकि अबू धाबी में बना यह पहला मंदिर है. अद्भुत वास्तुशिल्प और नक्काशी के साथ एक बड़े इलाके में फैला बीएपीएस मंदिर खाड़ी क्षेत्र में सबसे बड़ा मंदिर है. इस मंदिर के भारत- यूएई के बढ़ते संबंधों का प्रतीक भी माना जा रहा है. यूएई में लाखों भारतीय काम करते हैं, जिन्हें इस मंदिर के खुलने का बेसब्री से इंतजार था. 


(एजेंसी भाषा)