वॉशिंगटन: ब्रिटेन (UK) द्वारा चीनी कंपनी Huawei के 5G नेटवर्क के संचालन पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब अमेरिका (America) ने Huawei के कुछ कर्मचारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. अमेरिका का कहना है कि मानवाधिकार उल्लंघन को ध्यान में रखते हुए यह कार्रवाई की जाएगी. 


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विदेशमंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने इस संबंध में कहा कि हुवावे जैसी कंपनियों के कुछ कर्मचारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाए जाएंगे. चीनी टेक्नॉलजी कंपनियों के ऐसे कर्मचारी, जो मानवाधिकार उल्लंघन करने वाली चीनी सरकार को सर्विलांस में मदद करते हैं, उन पर भी यह


कार्रवाई की जाएगी. पोम्पियो ने कहा कि वह Huawei पर प्रतिबंध के बीच ब्रिटेन का दौरा भी करेंगे. इससे पहले अमेरिका ने ब्रिटेन द्वारा Huawei के 5G नेटवर्क के संचालन पर प्रतिबंध लगाने का फैसले का स्वागत किया था. पोम्पियो ने कहा था कि ट्रान्साटलांटिक सुरक्षा और समृद्धि के लिए यह फैसला महत्वपूर्ण है.


दरअसल, अमेरिका ने मई में प्रतिबंध लगाते हुए 5G नेटवर्क के लिए यूएस चिप्स तक Huawei की पहुंच को अवरुद्ध कर दिया था, जिसे ध्यान में रखते हुए ब्रिटेन ने चीनी कंपनी को लेकर अपनी  रणनीति पर पुनर्विचार किया और फिर उसे बैन कर दिया. अमेरिका का कहना है कि Huawei चीन सरकार के लिए जासूसी करती है. 


पोम्पियो ने कहा कि वह जल्द ही ब्रिटेन और डेनमार्क की यात्रा पर रवाना होंगे और हांगकांग सहित चीन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करेंगे. अमेरिकी विदेशमंत्री ने रूस और जर्मनी को जोड़ने वाली नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन पर भी सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट में भाग लेने वालों को संभावित परिणाम भुगतने होंगे.