Hamas attack on Israel: ऐसा लग रहा है कि अब हमास को लेकर अमेरिका आर-पार के मूड में है. एक तरफ उसने इजरायल की मदद के लिए हथियारों से लैस अमेरिकी डिफेंस कार्गो प्लेन इजरायल में उतार दिया है. तो वहीं अब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी इजरायल पहुंच चुके हैं. अमेरिका ने साफ घोषणा कर दी है कि वह अपने दोस्त इजरायल की मदद के लिए हवाई सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा प्रदान करेगा, साथ ही हथियारों का जखीरा भी भेजेगा. इसके बाद इजरायल को अमेरिका ज्यादा से ज्यादा इंटरसेप्टर मिसाइल भेज रहा है. इसी कड़ी में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन नेतन्याहू से मिलने के लिए इजरायल पहुंच चुके हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इजरायल के राष्ट्रपति का बयान
दरअसल, इजरायल-हमास युद्ध के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजरायली शहर तेल अवीव पहुंच गए हैं. वे एक विशेष अमेरिकी विमान से वहां पहुंचे हैं. ब्लिंकन इजरायल के साथ अमेरिका की एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए मिडल ईस्ट का दौरा कर रहे हैं. फलस्तीनी हमास उग्रवादियों के हमले के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री की ये यात्रा युद्ध को खत्म कराने का एक प्रयास होगी. इसी कड़ी में वे फिलिस्तीन के भी राष्ट्रपति से भी मुलाकात कर सकते हैं. इसी बीच एंटनी ब्लिंकन से मुलाक़ात के बाद इजरायल के राष्ट्रपति का भी बयान सामने आया है.


'हमास सभ्यता का दुश्मन'
एंटनी ब्लिंकन से मुलाक़ात के बाद इजरायल के राष्ट्रपति नेतन्याहू ने कहा कि ब्लिंकन की यात्रा इजरायल के लिए अमेरिका के स्पष्ट समर्थन का एक और ठोस उदाहरण है. हमास ने खुद को सभ्यता का दुश्मन दिखाया है. एक संगीत समारोह में युवाओं का नरसंहार, पूरे परिवारों की हत्या, माता-पिता की उनके बच्चों के सामने हत्या और बच्चों की उनके माता-पिता के सामने हत्या, लोगों को जिंदा जलाना, सिर काटना, अपहरण, इन भयावहताओं का जश्न मनाने का घिनौना प्रदर्शन हमास ने किया है. नेतन्याहू ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने इसे बुराई कहा है जो बिल्कुल सही बात है.


ब्लिंकन का यह दौरा खास
फिलहाल युद्ध के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का इजरायल पहुंचना हमास के लिए एक बड़ा संदेश है कि वह इस समय इजरायल के साथ है. ब्लिंकन का यह दौरा इसलिए भी खास है, क्योंकि इजरायल और फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास के बीच जंग अभी खत्म नहीं हुई है. अमेरिका पहले ही इजरायल के लिए पूर्ण समर्थन की घोषणा कर चुका है. इससे पहले ही अमेरिका अपने एक एयरक्राफ्ट कैरियर को इजरायल के आसपास भेज चुका है. जल्द ही यूएस अपना दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर भी इजरायल के सपोर्ट के लिए भेज सकता है.