एक अपीलीय अदालत ने नीदरलैंड सरकार को सोमवार को आदेश दिया कि वह फाइटर जेट F-35 के पार्ट्स का एक्सपोर्ट इजराइल को करना बंद करे. अदालत ने इंटरनेशनल कानून के उल्लंघन के स्पष्ट जोखिम का हवाला देते हुए यह आदेश दिया.


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तीन मानवाधिकार संगठनों ने दिसंबर में नीदरलैंड के खिलाफ एक सिविल मुकदमा दायर किया. इसमें दलील दी गई कि गाजा पट्टी में इजरायली मिलिट्री एक्शन को देखते हुए अधिकारियों को एक्सपोर्ट लाइसेंस पर फिर से विचार करने की जरूरत है.


Fighter Jet Parts: ऑक्सफैम नोविब, पैक्स नेदरलैंड और द राइट्स फोरम ने दिसंबर में मामला दायर किया था. उनका कहना था कि प्लेन के पार्ट्स का निर्यात नीदरलैंड को हमास के साथ युद्ध में इज़राइल द्वारा किए जा रहे संभावित युद्ध अपराधों में भागीदार बनाता है.


जज बास बोएले ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘इस स्पष्ट जोखिम से इनकार नहीं किया जा सकता है कि एक्सपोर्ट किए गए एफ-35 के पार्ट्स का इस्तेमाल इंटरनेशनल मानवीय कानून का गंभीर उल्लंघन करते हुए किया जाए.’ अदालत ने कहा कि एक्सपोर्ट सात दिनों के भीतर बंद होना चाहिए.


नीदरलैंड के पीएम ने हाल ही में गए थे इजरायल
यह निर्णय तब आया, जब नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रट ने संघर्ष पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मिलने के लिए इजराइल की यात्रा की. रट के फलस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद शतायेह से भी अलग से मिलने की संभावना है.


सरकार ने फैसले पर क्या कहा?
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार अपील करेगी. विदेश व्यापार और विकास मंत्री जेफ्री वैन लीउवेन ने एक बयान में कहा, "अपनी विदेश नीति को आकार देना राज्य पर निर्भर है.’  हालांकि इस बीच, वैन लीउवेन ने यह भी कहा कि उनका कार्यालय निर्यात प्रतिबंध का पालन करेगा.


मुख्य वकील लिस्बेथ ज़ेगवेल्ड ने सुनवाई के बाद कहा, ‘हम बेहद आभारी हैं कि न्याय हुआ और अदालत न्याय पर बोलने को तैयार है.’