Argentina: अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली ने अपने विदेश मंत्री डायना मोंडिनो को बर्खास्त कर दिया. और तत्काल प्रभाव से उनकी जगह राजदूत गेरार्डो वर्थीन को नियुक्त कर दिया. आइए समझते हैं आखिर अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली ने अपने ही विदेश मंत्री को क्यों किया बर्खास्त, आखिर विदेश मंत्री डायना मोंडिनो ने क्या किया था गुनाह.


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अर्जेंटीना के राष्ट्रपति ने विदेश मंत्री को क्यों किया बर्खास्त
अमेरिकी टेलीविजन नेटवर्क एबीसी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अर्जेंटीना के राष्ट्रपति ने क्यूबा पर लगे अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंध हटाने के पक्ष में संयुक्त राष्ट्र महासभा में मतदान करने के बाद बुधवार को विदेश मंत्री को बर्खास्त कर दिया. अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के प्रवक्ता मैनुअल एडोर्नी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि अर्जेंटीना की विदेश मंत्री डायना मोंडिनो को पद से हटा दिया गया है और उनके स्थान पर अमेरिका में अर्जेंटीना के राजदूत गेरार्डो वर्थीन को नियुक्त किया गया है.

देश से की गद्दारी या नीति का किया विदेश मंत्री ने विरोध
एडोर्नी ने मोंडिनो के हटाने के कारणों के बारे में विस्तार से नहीं बताया, लेकिन क्यूबा पर प्रतिबंध हटाने के संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का मोंडिनो द्वारा बुधवार को समर्थन किए जाने के कुछ घंटों बाद ही यह घोषणा की गई है. राष्ट्रपति कार्यालय ने बाद में एक विज्ञप्ति में पुष्टि की कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का समर्थन किए जाने के कारण ही मोंडिनो को हटाया गया है.

क्यूबा को तानाशाह मानते हैं राष्ट्रपति
राष्ट्रपति के कार्यालय ने बताया कि "हमारा देश क्यूबा की तानाशाही का स्पष्ट रूप से विरोध करता है, और यह एक ऐसी विदेश नीति को बढ़ावा देने में दृढ़ रहेगा जो मानवाधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के उल्लंघन को जारी रखने वाले सभी शासनों की निंदा करती है,". अमेरिका के साथ अर्जेंटीना के राष्ट्रपति बुधवार को अर्जेंटीना समेत 187 देशों ने क्यूबा पर अमेरिकी प्रतिबंध की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि केवल संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल ने इसके खिलाफ मतदान किया था.


दिसंबर 2023 में सत्ता संभालने के बाद से स्वतंत्रतावादी माइली ने अपने देश की विदेश नीति को अमेरिका और इज़राइल के हितों के प्रति अधिक झुकाव रखा हुआ है.


इजरायल के समर्थन में खुलकर आए माइली
तभी तो गाजा पर बमबारी और आक्रमण को लेकर दक्षिणपंथी इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार के प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है था. उनका रुख लैटिन अमेरिका के अधिकांश देशों से अलग है . जहां एक तरफ बोलीविया और कोलंबिया ने इजराइल के साथ संबंध तोड़ लिए हैं और ब्राज़ील समेत क्षेत्र के कम से कम पांच देशों ने तेल अवीव से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है.