Argentina President Javier Milei Dog Love:  क्या किसी देश का राष्ट्रपति सिर्फ कुत्ते को हेलो करने के लिए अपने काफिले को रुकवा सकता है. यह सवाल आपको हैरान करने वाला लग सकता है. लेकिन यह सच है. अर्जेंटीना के नवनियुक्त राष्ट्रपति जेवियर माइली के बारे में कहा जाता है कि उनका कुत्तों के प्रति खासा लगाव है और वो अपने प्रेम को जाहिर भी करते रहते हैं, हाल ही में एक मौका आया जब उन्होंने अपने काफिले को रुकवा दिया था. राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद वो जब कहीं जा रहे थे तो रास्ते में कुत्ता देखा और अपने काफिले को रोकने का आदेश दिया.


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कुत्ते से प्रेम के लिए काफिला रोका


जेवियर माइली अपने क्लोन कुत्तों को चार पंजे वाले बच्चा कहते हैं. उन्होंने कार्यभार संभालने के बाद खोए हुए गोल्डन रिट्रीवर का स्वागत करने के लिए अपने काफिले को अप्रत्याशित रूप से रुकने का आदेश दिया. बताया जा रहा है कि वह गोल्डन रिट्रीवर अपने मालिक से बिछड़ गया था.अर्जेंटीना की संसद से जब वो कासा रोसाडा आधिकारिक निवास जा रहे थे उस समय रास्ते में उन्हें गोल्डेन रिट्रीवर दिखाई दिया, उन्होंने अपने काफिले को रोका. कार से उतरे और  कुत्ते को प्रेम करते हुए करीब एक मिनट बिताया. माइली के पास कम से कम चार क्लोन मास्टिफ हैं जिनका जिक्र वो अपने चुनावी प्रचार में बार बार किया करते थे. खास बात यह है कि अगस्त के महीने में जब उन्हें प्राइमरी जीत हासिल हुई तो उस कामयाबी को अपने कुत्तों के प्रति समर्पित किया.


कुत्तों के प्रति इतना प्रेम

53 साल के अति-उदारवादी अर्थशास्त्री जेवियर माइली ने अपने मूल कुत्ते कॉनन का क्लोन बनाने के लिए पचास हजार डॉलर का पेमेंट किया था. माइली ने साल 2004 में कॉनन को खरीदा था जिसकी मौत 2017 में हो गई थी. उन्होंने एक बार स्थानीय मीडिया को बताया था कि कॉनन उनके सबसे करीबी विश्वासपात्रों में से एक था. एक तरह से वो उनका सलाहकार भी था. कुत्तों का क्लोन बनाने वाली कंपनी का कहना है कि कॉनन के चार पोते थे जिन्हें  मरे, मिल्टन, रॉबर्ट और लुकास है, बता दें कि इनका नामकरण राष्ट्रपति माइली के आदर्श रहे अर्थशास्त्रियों के नाम पर रखे गए. इनमें मिल्टन फ्रीडमैन भी शामिल थे.गोल्डन रिट्रीवर का स्वागत करने के लिए प्रोटोकॉल तोड़कर न माइली द्वारा कांग्रेस में राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद आया. बता दें कि माइली ने कहा कि अर्जेंटीना की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ कठोर फैसले को अमल में लाना होगा जिसे वो शॉक थेरेपी का नाम देते हैं.