नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus)  के प्रसार और भारत (India) से विवाद के बाद से चीनी कंपनियां दुनिया के निशाने पर आ गई हैं. खासकर TikTok को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है. लद्दाख हिंसा के बाद भारत ने TikTok सहित 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था और अब अमेरिका भी इस पर विचार कर रहा है. इसके अलावा, पाकिस्तान में भी TikTok पर बैन की मांग उठ रही है.


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दुनिया में बन रहे माहौल को देखते हुए चीनी कंपनी  Bytedance TokTik को बेचने का फैसला ले सकती है. व्हाइट हाउस का भी मानना है कि मौजूदा वक्त में यह संभव है. अमेरिका के आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो (Larry Kudlow) का कहना है कि Bytedance खुद को बचाने के लिए विवादित TikTok ऐप को बेच सकती है.


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कुडलो ने कहा, ‘हमने चीनी ऐप प्रतिबंधित करने पर अंतिम फैसला नहीं लिया है, लेकिन जिस तरह से TikTok के खिलाफ माहौल बन रहा है, मुझे लगता है कि Bytedance उससे छुटकारा पा सकती है और यही उसके लिए सही होगा. TikTok पर प्रतिबंध से Bytedance के साथ-साथ चीन को भी काफी आर्थिक नुकसान उठाना पडा है’.  


कोरोना वायरस के चलते चीन की अर्थव्यवस्था पहले से ही लड़खड़ा रही है, ऐसे में उसकी कंपनियों पर लग रहे प्रतिबंध ने उसकी स्थिति और भी खराब कर दी है. चीन में रोजगार संकट उत्पन्न हो गया है. आठ मिलियन से अधिक चीनी छात्र स्नातक होने वाले हैं और नौकरियों की तलाश में हैं. हालाँकि, अभी चीन के पास पर्याप्त नौकरियां नहीं हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जून में शहरी बेरोजगारी दर 5.7 प्रतिशत थी. हालांकि, माना जाता है कि असल आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है.


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एक रिपोर्ट के अनुसार, 80 मिलियन सेवा क्षेत्र और 20 मिलियन विनिर्माण क्षेत्र के कर्मचारी कोरोना वायरस से प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा, विदेशी कंपनियों ने चीन छोड़ना शुरू कर दिया है. Apple के आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन ने भारत के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा की है. आईफ़ोन और आईपैड के निर्माता अगले तीन वर्षों में एक बिलियन डॉलर का निवेश करेंगे और यह पैसा तमिलनाडु में फॉक्सकॉन के प्लांट में जाएगा. अभी इस प्लांट में iPhone के लोअर एंड वेरिएंट का उत्पादन होता है, लेकिन निवेश के बाद  यहां चीन में उत्पादित होने वाले अन्य iPhone मॉडल बनाये जाएंगे.