ASEAN Summit 2017: PM नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से की मुलाकात, अटकलों का बाजार गर्म
15वें आसियान समिट (ASEAN Summit) और 12वें ईस्ट एशिया समिट में हिस्सा लेने के लिए रविवार को फिलीपींस की राजधानी मनीला पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समिट शुरू होने से पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भेंट की.
नई दिल्ली: 15वें आसियान समिट (ASEAN Summit) और 12वें ईस्ट एशिया समिट में हिस्सा लेने के लिए रविवार को फिलीपींस की राजधानी मनीला पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समिट शुरू होने से पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भेंट की. चार महीने के भीतर दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी मुलाकात रही. इससे पहले इसी साल जुलाई में जर्मनी में हुई जी20 समिट में मोदी और ट्रंप मिले थे. इससे पहले पीएम मोदी ने फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो ड्यूट्रेटे, चीन के प्रीमियर ली केकिआंग और मलेशिया के पीएम नजीब रज्जाक से भी मुलाकात की. हालांकि इन मुलाकातों में पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
यूं तो हाल के वर्षों में अमेरिका और भारत के बीच दोस्ताना रिश्ते की बात कही जाती रही है. इसका उदाहरण पीएम मोदी अमेरिका दौरे पर भी दिखा था, जब ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार भारत के राष्ट्र अध्यक्ष के लिए व्हाइट हाउस में भोज का आयोजन किया था. इसके अलावा ट्रंप कई बार अंतरराष्ट्रीय मंच से भारत और पीएम मोदी की तारीफ कर चुके हैं. हालांकि अमेरिका की ओर से हाल में लिए गए दो फैसलों ने भारत की चिंता बढ़ा दी है.
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पिछले महीने यूएस-कनाडाई नागरिक को हक्कानी नेटवर्क के चंगुल से सुरक्षित छुटने पर खुद डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर पाकिस्तान की तारीफ की थी. इसके बाद 11 नवंबर को अमेरिका ने पाकिस्तान को 70 करोड़ अमेरिकी डॉलर की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. इन दोनों फैसलों ने ट्रंप सरकार का पाकिस्तान के प्रति नरम रवैये को दर्शाता है, जिसे लेकर भारत थोड़ा परेशान हो सकता है. ऐसे में ट्रंप और पीएम मोदी की मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है और कई तरह की अटकलें लगाई शुरू हो गई हैं.
आसियान देशों के राष्ट्र अध्यक्षों ने ग्रुप फोटो क्लिक करवाए. इसके जरिए वे संदेश देने की कोशिश कर रहे थे कि आसियान देशों के सारे सदस्य परिवार की तरह हैं.
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भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच सुरक्षा को लेकर सहयोग को मजबूत करने के प्रस्ताव पर बात हुई. भारतीय अधिकारियों के मुताबिक भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने यहां क्वाडलेटरल (चतुष्कोणीय) रिश्तों पर बातचीत की. सभी ने इस बात पर जोर दिया कि इंडो-पैसिफिक रीजन, जहां चीन लगातार अपनी सैन्य ताकत को बढ़ा रहा है, वहां इस तरह का सहयोग जरूरी है.
बता दें कि जापान ने पिछले महीने संकेत दिया था कि वह अमेरिका, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टॉप लेवल पर बातचीत का प्रस्ताव रखेगा.
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भारत से रवानगी से पहले पीएम मोदी ने उम्मीद जताई है कि उनकी इस यात्रा से फिलीपींस के साथ भारत के द्विपक्षीय रिश्ते मजबूत होंगे और आसियान देशों के साथ उसके राजनीतिक, आर्थिक, और सामाजिक रिश्ते को नया आया मिलेगा. इस समय भारत के कुल कारोबार का 10.85% आसियान देशों से होता है."
मालूम हो कि आसियान (ASEAN) का फुल फॉर्म Association of Southeast Asian Nations है. इसमें अमेरिका, रूस, भारत, चीन, जापान और नॉर्थ कोरिया समेत एशिया रीजनल फोरम (एआरएफ) के 23 देश हैं. यह संगठन 8 अगस्त 1969 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में बना था. थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर ने मिलकर इस संगठन को बनाया था.