India Supplied Pinaka Multi Barrel Rocket System to Armenia: भारत अब अपनी सॉफ्ट स्टेट की छवि को पीछे छोड़ते हुए जैसे को तैसा के अंदाज में दुश्मनों को जवाब दे रहा है. वैश्विक मंचों पर अजरबैजान पाकिस्तान के कश्मीर राग में अपने सुर मिलाता था. अब भारत ने अजरबैजान के दुश्मन आर्मेनिया के साथ अपने संबंध मजबूत कर लिए हैं. उसने आर्मेनिया (Armenia) के साथ रक्षा सौदा कर उसे अपना खतरनाक रॉकेट सिस्टम पिनाका (Pinaka Rocket System) डिलीवर करना शुरू कर दिया है. इस रॉकेट सिस्टम का नाम भगवान शिव के धनुष पिनाक के नाम पर रखा गया है. यह रॉकेट सिस्टम अमेरिका के हिमॉर्स रॉकेट सिस्टम की बराबरी का है. पिनाका के आर्मेनिया पहुंचते ही अजबरबैजान घबरा गया है और उसने मोदी सरकार से गुटनिरपेक्षा बरतने की गुहार लगाई है. 


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भारतीय राजनयिक से की मुलाकात


पिनाका के आने के बाद अजरबैजान (Azerbaijan) का डर इतना बढ़ गया है कि वहां पर राष्ट्रपति के अधीन विदेश नीति विभाग के प्रमुख हिकमत हाजीयेव ने भारतीय राजनयिक श्रीधरन मधुसूदनन से मुलाकात की. इस मुलाकात में उन्होंने भारत और आर्मेनिया के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग पर अपनी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि अजरबैजान और आर्मेनिया में शत्रुतापूर्ण स्थिति है. ऐसे में अजरबैजान के दुश्मन को रॉकेट सिस्टम की सप्लाई किया जाना ठीक नहीं है. 


भारत को दिलाई गुटनिरपेक्षता की याद


इस मुलाकात में उन्होंने भारत को अपनी परंपरागत गुटनिरपेक्षता की नीति की याद दिलाई. हिकमत हाजीयेव (Azerbaijan) ने कहा कि भारत के लिए दोनों देश समान होने चाहिए. उसे अपनी परंपरागत गुटनिरपेक्षता की नीति से पीछे नहीं हटना चाहिए. इससे पहले जनवरी 2023 में अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने भी भारत की ओर से आर्मेनिया (Armenia) को हथियारों की डिलीवरी पर अपनी चिंचा जताई थी. उन्होंने भारत के कदम को अमित्रतापूर्ण बताते हुए धमकी दी थी कि अगर हम किसी गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं, तो हम उससे निपटेंगे, फिर चाहे वह हमारी सीमाओं के भीतर हो या बाहर. ऐसा करना उनके देश का वैध अधिकार है.


दोनों देशों रही है दुश्मनी


बता दें कि अजरबैजान और आर्मेनिया में परंपरागत दुश्मनी (Azerbaijan Armenia Conflict) रही है. दोनों देशों के बीच दुश्मनी की वजह नागोर्नो काराबाख का इलाका है. सोवियत रूस से अलग होने के बाद वर्ष 1992 में इस इलाके को अजरबैजान को दे दिया गया था, जबकि इस इलाके में अधिकतर आबादी आर्मेनियन (Armenia) मूल के लोगों की रहती है. इसके चलते आर्मेनिया ने इस इलाके से अपना दावा छोड़ने से इनकार कर दिया था. इसे लेकर दोनों देशों के बीच कई बार जंग भी हो चुकी है. 


इस इलाके को लेकर तनाव


वर्ष 2020 में भी नागोर्नो काराबाख को लेकर दोनों देशों के बीच तीन महीने की भीषण जंग हुई थी, जिसमें तुर्की और इजराइल से मिले हथियारों की मदद से अजरबैजान ने आर्मेनिया को करारी मात दी थी. बाद में रूस की मध्यस्थता में दोनों देशों के बीच युद्ध विराम हुआ था लेकिन वह ज्यादा टिकाऊ साबित नहीं हुआ और बीच-बीच में भी कई बार दोनों में सैन्य झड़पें होती रहीं. 


रूस के साथ न देने से नाराज


आर्मेनिया और रूस के बीच रक्षा संधि है, जिसके तहत एक पर हुआ हमला दूसरे पर अटैक माना जाएगा. आर्मेनिया ने इस संधि के तहत रूस से मदद पाने की कोशिश की लेकिन अजरबैजान से भी दोस्ती होने की वजह से रूस उसके खिलाफ नहीं उतरा. जिसके बाद अब आर्मेनिया (Armenia) का धीरे-धीरे रूस से मोह भंग हो रहा है और अमेरिका-भारत समेत दूसरे देशों से दोस्ती बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. 


40 किमी तक मचा सकता है तबाही


आर्मेनिया (Armenia) ने भारत से पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम (Pinaka Rocket System) खरीदा है. अजरबैजान (Azerbaijan) के मीडिया का कहना है कि भारतीय मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम पिनाका की पहली खेप ईरान के जरिए आर्मेनिया पहुंच गई है. यह रॉकेट सिस्टम 40 किमी तक सटीक मार कर पूरे इलाके में तबाही मचा सकता है. पिनाका को अमेरिका के रॉकेट सिस्टम हिमार्स (HIMARS) की टक्कर का माना जाता है.


हमले के तुरंत बाद हो जाता है लापता


इस रॉकेट सिस्टम (Pinaka Rocket System) की सबसे बड़ी खासियत अचूक मारक क्षमता और हमले के तुरंत बाद वहां से दूसरी जगह शिफ्ट हो जाना है. उसकी यही खूबियां ऑर्मेनिया को भा गई. असल में अजरबैजानी सेना तुर्की से मिले खतराक ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है. ऐसे में किसी भी रॉकेट सिस्टम के लिए दुश्मन पर अटैक कर तुरंत अपनी जगह से शिफ्ट हो जाना बहुत जरूरी है वरना वह भी निशाना बन सकता है. इस काम में पिनाका एकदम परफेक्ट है और अब अजरबैजान का काल बनने के लिए तैयार है.