Britain Stops sale of Naga human skull with horns: मजबूत भारत की ताकत का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है. भारत की अहमियत कितनी बढ़ गई है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सरते हैं कि भारत पर करीब 200 साल राज करने वाले अंग्रेज यानी ब्रिटिशर्स ने भारत की एक आपत्ति की बाद एक ऑक्शन हाउस या नीलामी गृह ने बुधवार को ‘नगा मानव खोपड़ी’ को अपने ‘लाइव ऑनलाइन बिक्री’ (Live online sale) की सूची से हटा लिया. नीलामी गृह ने इस मुद्दे पर भारत में विरोध के बाद यह कदम उठाया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 ‘लॉट नंबर’ 64 नॉट फॉर सेल


ऑक्सफोर्डशायर के टेस्ट्सवर्थ स्थित स्वॉन ऑक्शन हाउस (नीलामी गृह) के पास दुनियाभर से प्राप्त खोपड़ियों और अन्य अवशेषों का संग्रह है. ‘19वीं शताब्दी की सींग युक्त यह नगा मानव मानव खोपड़ी, बिक्री के लिए सूची में ‘लॉट नंबर’ 64 पर रखी गयी थी. इसकी बिक्री को लेकर नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो (Neiphiu Rio) ने विरोध जताया था और विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) से इस बिक्री को रोकने में हस्तक्षेप करने की मांग की थी.


ये भी पढ़ें - ट्रंप यूं ही नहीं कर रहे मोदी की तारीफ, 'सबसे अच्छे और...', वजह है खास और बेहद जरूरी


रियो ने अपने पत्र में लिखा, ‘ब्रिटेन में नगा मानव खोपड़ी की नीलामी के प्रस्ताव की खबर ने सभी वर्ग के लोगों पर नकरात्मक असर डाला है क्योंकि हमारे लोगों के लिए यह बेहद भावनात्मक और पवित्र मामला है. दिवंगत लोगों के अवशेषों को सर्वोच्च सम्मान और आदर देने की हमारे लोगों की पारंपरिक प्रथा रही है.’


टॉम कीन की सफाई


नीलामी गृह के मालिक टॉम कीन ने कहा कि इसमें शामिल सभी लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए नगा खोपड़ी की सेल को वापस लेकर अब इसे नहीं बेचा जा रहा है.हमने व्यक्त किए गए विचारों को सुना. भले ही बिक्री के साथ आगे बढ़ना कानूनी था, हमने लॉट वापस लेने का फैसला किया क्योंकि हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे.'


ये भी पढ़ें - Oh No! दुनिया में ये सब क्या चल रहा है?


फोरम फॉर नगा रिकॉन्सिलीएशन (Forum for Naga Reconciliation) द्वारा इस मामले को लेकर चिंता जताने के बाद रियो ने विदेश मंत्री से यह मामला लंदन में भारतीय उच्चायोग के समक्ष उठाने का अनुरोध किया ताकि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया जा सके कि खोपड़ी की नीलामी रोकी जा सके.


नीलामी सूची में नगा मानव खोपड़ी की तस्वीर के नीचे लिखा था, ‘यह मानवशास्त्र और जनजातीय संस्कृतियों पर ध्यान केंद्रित करने वाले संग्रहकर्ताओं के लिए विशेष रुचिकर होगी’. नीलामी के लिए शुरुआती राशि 2,100 ब्रिटिश पाउंड (करीब 2.30 लाख रुपये) रखी गई थी और नीलामीकर्ताओं को इसके 4,000 पाउंड (करीब 4.3 लाख रुपये) में बिकने की उम्मीद थी.


इसका उत्पत्ति के बारे में 19वीं शताब्दी के बेल्जियम के वास्तुकार फ्रेंकोइस कोपेन्स के संग्रह से पता चलता है. FNR ने जोर देकर कहा कि मानव अवशेषों की नीलामी संयुक्त राष्ट्र द्वारा जनजातीय मूल के लोगों के अधिकारों की घोषणा (UNDRIP) के अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है, जिसमें कहा गया है, ‘‘जनजातीय मूल के लोगों को अपनी संस्कृतियों, परंपराओं, इतिहास और आकांक्षाओं की गरिमा और विविधता को बनाए रखने का अधिकार है, जिसे शिक्षा और सार्वजनिक सूचना में उचित रूप से प्रतिबिंबित किया जाना चाहिए.’


नागालैंड वापस भेजने की मांग


Forum for Naga Reconciliation ने नीलामी घर से सीधे संपर्क कर बिक्री की निंदा की और वस्तु को नगालैंड वापस भेजने की मांग की. यह संगठन दुनिया भर के कई जातीय मूल के समूहों में से एक है. संगठन वर्तमान में ऑक्सफोर्ड में पिट रिवर्स संग्रहालय के संग्रह में रखी कलाकृतियों के बारे में उसके साथ बातचीत कर रहा है.


संग्रहालय की निदेशक लॉरा वैन ब्रोकहोवेन को ‘बीबीसी’ द्वारा सचेत किया गया था कि नगा, शुआर, दयाक, कोटा, फॉन, विली लोगों और पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन द्वीप, नाइजीरिया, कांगो और बेनिन के अन्य समुदायों के मानव अवशेषों की नीलामी की जा रही है.


प्रोफेसर ब्रोकहोवेन ने कहा, ‘यह सुनकर राहत मिली है कि नीलामी गृह ने आज की बिक्री से सभी मानव अवशेषों को हटा दिया है और उम्मीद है कि दुनिया भर के समुदायों की व्यापक टिप्पणियों और आलोचना ने यह दर्शा दिया है कि पैतृक अवशेषों की बिक्री आक्रामक और अस्वीकार्य है.’


प्रोफेसर ने कहा, ‘समुदायों के पूर्वजों के अवशेषों की नीलामी करना बेहद अनैतिक है जो उन समुदायों की सहमति के बिना लिए गए थे. यह उस नुकसान को जारी रखता है जो औपनिवेशिक काल के दौरान शुरू हुआ और इससे उन समुदायों में आक्रोश और उदासी पैदा हुई जो आज भी कठिन परिस्थितियों में रह रहे हैं. हम जानते हैं कि ये अवशेष 19वीं और 20वीं शताब्दी में एकत्र किए गए होंगे, लेकिन 2024 में उनकी बिक्री होना वाकई काफी चौंकाने वाला मामला है.’


(इनपुट: पीटीआई भाषा से)