Violence against Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा. शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान हिंदू समुदाय के प्रदर्शनकारियों पर कट्टरपंथी तत्वों ने हमला कर दिया. ये घटना चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद हुई, जिन्होंने हिंदू अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता की आवाज उठाई थी. कट्टरपंथी भीड़ ने प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और उनके खिलाफ हिंसक बर्ताव किया. पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया, जिससे कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे केवल शांतिपूर्ण ढंग से अपने अधिकारों की मांग कर रहे थे, लेकिन उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई. घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की हालात को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है. बांग्लादेश में हिंदू समुदाय लंबे समय से धार्मिक भेदभाव और हिंसा का शिकार हो रहा है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आखिर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ इतनी नफरत क्यों हैं और क्यों उनके खिलाफ हिंसा हो रही है?


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1. कट्टरपंथी इस्लामी गुटों को खुश करने की कोशिश


बांग्लादेश में नई यूनुस सरकार पर कट्टरपंथी इस्लामी गुटों को खुश करने और इस्कॉन पर हमला करने की अनुमति देने का आरोप है. बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम ने जुमे की नमाज के बाद इस्कॉन के खिलाफ रैली निकाली, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए इसके समर्थकों के खिलाफ हिंसक नारे लगाए. इतना ही नहीं उन्होंने सोशल मीडिया पर #BanISKCON और #ISKCONisTerrorist जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं. इसके अलावा इस्कॉन पर हिंसा भड़काने और शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग से जुड़े होने का आरोप लगाया जा रहा है. अवामी लीग का विरोध करने वाले इस्लामी समूहों ने इस्कॉन को अवामी लीग का समर्थक बताकर निशाना बनाया.


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2. आपसी संघर्ष को विराम देना तो इन सब के पीछे नहीं


बांग्लादेश की राजधानी ढाका में कॉलेज पर फिर हमले हुए, जिसमें कथित तौर पर 3 छातों की मौत हो गई. काबी नजरूल और सुहरावर्दी कॉलेज के छात्रों ने महबुबुर रहमान मोल्ला कॉलेज में तोड़फोड़ की है. इस दौरान हमलावर कॉलेज की विभिन्न सामग्रियां और उपकरण ले गए. कॉलेज प्रशासन ने बताया कि हमले में कॉलेज के तीन छात्रों की मौत हो गई. हालांकि, पुलिस की ओर से अभी तक मौत की सूचना की पुष्टि नहीं की गई है.


3. जितना हिंसा उतनी लंबी सत्ता


कट्टरपंथी सरकार बनने से पहले मोहम्मद यूनुस की सरकार का कट्टरपंथी रुख क्यों है? क्या ये कार्यकाल आगे बढ़ने की कवायद हैं. बांग्लादेश की सत्ता का रास्ता हिन्दुओं पर अत्याचार करके ही जाता हैं. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी लगातार इलेक्शन की मांग कर रही, लेकिन सेना और सरकार समय अवधि बढ़ा रही हैं.


4. हिंसा तो बहाना, हिन्दुओं के घर हैं निशाना


बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर ढाका के अलावा मेमनसिंह, राजशाही, रंगपुर, खुलना, बारिसाल, चटोग्राम और सिलहट में मौजूद हैं. यहां मंदिर को मानने और पूजने वालों की संख्या काफी है. इसकी संपत्ति भी काफी ज्यादा है. ये आए दिन बांग्लादेश में गरीबों की मदद करते हैं. बीते महीने बांग्लादेश में आई बाढ़ में भी इस्कॉन मंदिर के लोगों ने काफी मदद की थी. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या हिंदुओं के घरों और मंदिर को निशाना बनाया जा रहा है.