Ecuador Jail Riots: एक-दूसरे की जान के प्यासे हुए कैदी, खूनी झड़प में 68 की मौत; कई घायल
Ecuador Jail Riots: इक्वाडोर की सबसे बड़ी जेल लिटोरल पेनिटेंटरी के अंदर शुक्रवार की रात हुई हिंसक झड़पों में 68 कैदियों की मौत हो गई. इस साल इक्वाडोर जेल हिंसा में अब तक 280 से अधिक कैदियों की मौत हो गई है.
नई दिल्ली. साउथ अमेरिका के इक्वाडोर (Ecuador) की सबसे बड़ी जेल, लिटोरल पेनिटेंटरी के अंदर शुक्रवार की रात प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के बीच खून-खराबे के बाद कम से कम 68 कैदी मारे गए और 25 घायल हो गए. इससे पहले भी इसी जेल में सबसे भंयकर रक्तपात हुआ था. अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी.
एक महीने पहले भी हुई थी हिंसा
ये घटना इक्वाडोर के ग्वायाकिल शहर की लिटोरल पेनिटेंटरी जेल की है. ये वही जेल है जहां देश के अब तक के सबसे घातक जेल दंगें हुए हैं. करीब एक महीने पहले इसी जेल में हुई हिंसा में कम से कम 119 कैदियों ने अपनी जान गंवाई थी. इस साल इक्वाडोर जेल हिंसा में अब तक 280 से अधिक कैदियों की मौत हो गई है.
सोशल मीडिया पर वायरल हैं हिंसा की वीडियो
जेलों पर कंट्रोल करने की होड़ को लेकर यहां ड्रग्स तस्करी करने वाले गिरोहों के बीच हिंसा होती रहती है. शुक्रवार रात को हुई हिंसा की भी यही वजह थी. इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिनमें पीड़ितों को जेल में पीटते और जिंदा जलाते हुए देखा जा सकता है.
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कैदियों का ग्रुप कायम करना चाहता था दबदबा
गुयास प्रांत के गवर्नर पाब्लो अरोसेमेना के अनुसार, जेल में एक गिरोह के नेता की रिहाई के बाद बिजली की कमी के कारण हिंसा शुरू हुई. उन्होंने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'कुछ कैदियों का ग्रुप अन्य सेल के लोगों पर अपना दबदबा कायम करना चाहते थे, इस वजह से ये हिंसा हुई.'
आपातकाल घोषित कर सुरक्षा बलों को दी गई पूरी शक्ति
अक्टूबर में राष्ट्रपति गुइलेर्मो लासो (Guillermo Lasso) ने राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया. इसके बाद ये हिंसा सामने आई है. आपातकाल के दौरान सुरक्षाबलों को ड्रग्स की तस्करी और अन्य अपराधों से लड़ने के लिए पूरी शक्ति दी गई. शनिवार को राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा, पहला अधिकार जिसकी हमें गारंटी देनी चाहिए वह जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार होना चाहिए. लेकिन सुरक्षा बल सुरक्षा के लिए काम नहीं कर सकते हैं तो ये संभव नहीं है. वह संवैधानिक न्यायालय द्वारा हाल ही में आपातकाल की स्थिति के बावजूद सेना को जेलों में भेजने से इनकार करने का जिक्र कर रहे थे. सैनिक फिलहाल जेल के बाहर हैं.
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जेल को चलाते हैं कैदी
इक्वाडोर के सैन्य खुफिया विभाग के पूर्व निदेशक कर्नल मारियो पजमीनो ने कहा कि इस हिंसा ने साबित किया कि सरकार उस खतरे का मुकाबला करने में असमर्थ थी, जो बहुत पहले कंट्रोल से बाहर हो गया था. उन्होंने कहा कि जब स्थानीय आपराधिक गिरोह प्रतिद्वंद्वी मैक्सिकन सिनालोआ और जलिस्को न्यू जेनरेशन ड्रग कार्टेल के लिए काम करने लगे तो हिंसा तेज हो गई. जेल में भ्रष्टाचार चरम पर है. जेल कर्मचारी और अधिकारी पूरी तरह से भ्रष्ट हैं और असल में जेल के कैदी जेल चलाते हैं.
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