अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान के कब्जे के बाद से हालात दिनोंदिन बदतर होते जा रहे हैं. वहां पर लोग अपनी 20 दिनों की नवजात बच्चियों को भी बेचने को मजबूर हैं.
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काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान के कब्जे के बाद से हालात दिनोंदिन बदतर होते जा रहे हैं. वहां पर हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि लोग पैसा कमाने की मजबूरी में अपनी 20 दिन की नवजात बच्चियों को भी भविष्य में शादी के लिए ऑफर कर रहे हैं.
यूनिसेफ (UNICEF) के मुताबिक, 'अफगानिस्तान (Afghanistan) में अत्यधिक विकट आर्थिक स्थिति अधिक परिवारों को गरीबी में धकेल रही है. वहां पर बच्चों को काम पर लगाने और कम उम्र में लड़कियों की शादी करने जैसे हताश विकल्प चुने जा रहे हैं.'
यूनिसेफ ने कहा, 'तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा पर रोक लगा दी है, जिससे स्थिति और ज्यादा घातक बन गई है. चूंकि अधिकांश किशोर लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं है. इसलिए बाल विवाह का जोखिम और ज्यादा बढ़ गया है.'
यूनिसेफ (UNICEF) की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा फोरे ने कहा, 'हमें ऐसी रिपोर्ट्स मिली हैं कि परिवार पैसे के बदले में भविष्य में शादी के लिए अपनी 20 दिन तक की बेटियों की पेशकश कर रहे हैं.'
बताते चलें कि अफगानिस्तान (Afghanistan) की आधी आबादी पहले से ही गरीब थी और इनके पास साफ पानी और पैष्टिक खाने तक की व्यवस्था नहीं थी. इस साल अगस्त में देश पर तालिबान का कब्जा होने के बाद से वहां हालात और बिगड़ गए हैं. लोगों को रोजगार, भोजन, पानी और बिजली की भारी कमी बनी हुई है. ऐसे में लोग पैसा कमाने और परिवार का पेट पालने के लिए सब कुछ दांव पर लगाने को मजबूर हैं.
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यूनिसेफ (UNICEF) की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान (Afghanistan) के हेरात और बगदीस प्रांतों में 2018 और 2019 में बाल विवाह के 183 और बच्चों की बिक्री के 10 मामले सामने आए थे. जिन बच्चों के बाल विवाह हुए, उनकी उम्र 6 महीने से 17 साल के बीच थी. यूनिसेफ का अनुमान है कि 15-49 वर्ष की आयु की 28 प्रतिशत अफगान महिलाओं की शादी 18 वर्ष की आयु से पहले कर दी जाती है.
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