BRICS NSA Summit 2023 in South Africa: भारत के जेम्स बॉन्ड कहे जाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (Ajit Doval) ने आतंकवाद के मुद्दे पर एक बार चीन को आइना दिखाया है. डोभाल ने चीन पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि ब्रिक्स देश आतंकवादी और छद्म रूप से उनके लिए काम करने वाले लोगों पर कार्रवाई के लिए मिलकर काम कर सकते हैं. वे आपसी तालमेल के साथ ऐसे आतंकियों और उनके सरपरस्तों पर संयुक्त राष्ट्र के तहत प्रतिबंध लगवाकर उन्हें नेस्तनाबूद कर सकते हैं. 


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'आतंक पर सभी सदस्यों को एक सुर में बोलना होगा'


अजित डोभाल (Ajit Doval) ब्रिक्स देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक (BRICS NSA Summit 2023) में शामिल होने के लिए मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग गए हुए थे. वहां पर बैठक में शामिल होते हुए भारत के NSA अजित डोभाल ने कहा कि आतंक पर कार्रवाई की प्रक्रिया राजनीति और दोहरे मानदंडों से मुक्त होनी चाहिए. इसके लिए सभी सदस्य देशों को अपने निहित स्वार्थों से ऊपर उठकर एक सुर में बोलना होगा. 


डोभाल ने चीन को सुनाई खरी- खरी


डोभाल (Ajit Doval) की यह खरी-खरी टिप्पणी चीन पर सीधा अटैक थी, जो संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान परस्त आतंकियों पर कार्रवाई का प्रस्ताव आने पर उन्हें वीटो लगाकर रद्द करवा देता है. जब डोभाल चीन को आड़े हाथों ले रहे थे, तब बैठक में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के विदेश मामलों के आयोग के कार्यालय के निदेशक वांग यी भी बैठक (BRICS NSA Summit 2023) में मौजूद थे लेकिन वे इस पर चुप्पी साध गए. 


भारत ने जताई ड्रैगन से नाराजगी


अजित डोभाल (Ajit Doval) ने कहा कि आतंकवादियों और छद्म रूप से उनके लिए काम कर रहे लोगों को संयुक्त राष्ट्र के आंतकवाद रोधी प्रतिबंधों के दायरे में लाना ऐसे क्षेत्र हैं, जिस पर ब्रिक्स देशों को मिलकर काम करने की जरूरत है. इन खरी टिप्पणियों के जरिए डोभाल ने चीन को साफ संदेश दिया कि आतंकियों को बचाने के उसके प्रयासों से भारत सख्त नाराज है. चीन लश्कर-ए-तैयबा तथा पाकिस्तान के अन्य नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्तावों पर बार-बार रोड़ा अटकाता रहा है. 


ब्रिक्स समूह में 5 देश शामिल


बताते चलें कि ब्रिक्स (BRICS NSA Summit 2023) देशों के समूह में  ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. वहीं वांग को मंगलवार को फिर से चीन का विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है. उनसे पहले यह जिम्मा किन गैंग को दिया गया था, जो एक महीने से लापता चल रहे हैं. 


(एजेंसी इनपुट)