Britain declared the atrocities on the Yazidi community a genocide: ब्रिटिश सरकार ने इराक में अल्पसंख्यक यजीदी समुदाय के लोगों पर हुए इस्लामिक स्टेट (IS) के अत्याचारों को जनसंहार घोषित किया है. ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को इस बारे में आधिकारिक घोषणा की. ब्रिटेन की यह घोषणा जर्मनी की संघीय अदालत के ऐतिहासिक फैसले के बाद आई है. इस फैसले में जर्मनी की अदालत ने IS जिसे अरबी भाषा में दाएश के नाम से जाना जाता है, उसे यजीदियों के जनसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी करार दिया था.


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ये घटनाएं भी जनसंहार घोषित


ब्रिटेन ने इससे पहले 4 अन्य घटनाओं को आधिकारिक रूप से जनसंहार घोषित किया था. इनमें से 1970 के दशक के दौरान कंबोडिया में खमेर रूज के शासन में हत्याएं , 1994 में रवांडा में सामूहिक जातीय हत्याएं और 1995 में बोस्नियाई शहर स्रेब्रेनिका में और उसके निकट पुरुषों और लड़कों की हत्याएं शामिल हैं. 


यजीदी समुदाय ने किया जुल्मों का सामना


ब्रिटेन के पश्चिम एशिया, उत्तरी अफ्रीका, दक्षिण एशिया एवं संयुक्त राष्ट्र मामले के मंत्री तारिक अहमद ने कहा, ‘यजीदी आबादी (Yazidi Community) ने 9 साल पहले दाएश के जुल्मों को सामना किया और उसका दुष्प्रभाव अब भी महसूस होता है.’ ब्रिटेन से पहले संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संसद सहित अन्य ने भी यजीदियों के खिलाफ आईएस के अत्याचार को जनसंहार घोषित कर चुके हैं. 


सीरिया-इराक में रहते हैं यजीदी


बता दें कि यजीदी समुदाय (Yazidi Community) के लोग इराक और सीरिया के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं. ये इस्लाम समेत मिश्रित मान्यताओं का पालन करते हैं. ये अल्लाह की इबादत करते हैं तो सूरज को अपना प्रमुख देवता मानते हैं. इस समुदाय के लोग हिंदुओं की तरह प्रकृति पूजक हैं और जीवों से प्रेम करते हैं. जब इस्लामिक स्टेट ने सीरिया-इराक में अपना कोहराम मचाना शुरू किया तो यजीदियों को ढूंढ-ढूंढकर बेदर्दी से मार दिया गया. जबकि उनकी महिलाओं को पकड़कर सेक्स स्लेव बना लिया गया. उन पर हुए अत्याचार किसी के भी रौंगटे खड़े कर सकते हैं.