नई दिल्ली: अमेरिकी वायुसेना ग्लोबल स्ट्राइक कमांड ने मंगलवार (1 सितंबर) को डिएगो गार्सिया में अपनी नौसेना सहायता सुविधा (स्पोर्ट फेसिलिटी) में बी-2 स्टील्थ बॉम्बर मिशन के लिए अपना पहला विदेशी मोबाइल परिचालन केंद्र स्थापित करने की घोषणा की. 393वें अभियान दल बम स्क्वाड्रन, व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस, मिसौरी द्वारा स्थापित यह केंद्र बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर के 'कभी भी-कहीं भी' अंजाम दिए जा सकने वाले मिशन को पूरा करने में सहायक होगा. यह बी-2 के किसी भी एयरफील्ड पर पूरी तरह से कार्य करने वाली मिशन योजना एवं निगरानी संचालित करने की क्षमता रखता है. इससे स्पष्ट रूप से बीजिंग में खतरे की घंटी जरूर बजेगी, जो पहले से ही व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस, मिसौरी में 509वें बॉम्ब विंग से तीन बी-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर्स की तैनाती से झुलस गया था. मिसौरी प्रशांत क्षेत्र के डिएगो गार्सिया में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण आधार है.


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इससे पहले जुलाई में चीन की धमकियों से बेपरवाह अमेरिका ने ताइवान की खाड़ी और दक्षिणी चीन सागर (साउथ चाइना सी) में अपने दो विमानवाहक पोत (एयरक्राफ्ट कैरियर) को तैनात किया था, जिस पर चीन ने आपत्ति भी जताई थी. इसी समय जापानी नौसेना ने एक चीनी पनडुब्बी को अपने जलक्षेत्र से खदेड़ा था. अमेरिकी वायुसेना के लेफ्टिनेंट कर्नल एवं बॉम्बर टास्क फोर्स (बीटीएफ) कमांडर क्रिस्टोफर कॉनेंट ने कहा, "यह बॉम्बर मिशन योजना का भविष्य है."


उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य यहां वायुसेना ग्लोबल स्ट्राइक 2020 स्ट्रेटेजिक योजना की रूपरेखा के तौर पर दुनिया के किसी भी स्थान पर बी-2 इकाई को भेजने और लड़ाकू विमानों को संचालित करने की क्षमता पैदा करना है." यूएस एयर फोर्स ग्लोबल स्ट्राइक 2020 स्ट्रेटेजिक प्लान के अनुसार, मौजूद प्रतिकूलताओं को दूर करने और कमांडरों की परिचालन क्षमता का विस्तार करने के लिए संचालन के भविष्य को पुनर्जीवित, सुदृढ़ और पुन: विकसित करके नए विचारों को अपनाना होगा. 


वर्तमान में, 393वां ईबीएस डिएगो गार्सिया से मोबाइल सुविधा का परीक्षण कर रहा है. एक बार इसके एयर फोर्स ग्लोबल स्ट्राइक कमांड में लागू होने के बाद, इस तरह के मोबाइल संचालन केंद्र पिछले ऑपरेशन की तुलना में कमांडरों को अधिक लचीलेपन के साथ बम दागने वाले बलों को दुनियाभर में नियुक्त करने में सहायक सिद्ध होंगे.


बता दें कि रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि बी-2 स्प्रिट दुनिया का सबसे घातक बॉम्बर है. यह बमवर्षक विमान एक साथ काफी परमाणु बम ले जा सकता है. हाल ही में इसके बेड़े में बेहद घातक और सटीक मार करने वाले बी 61-12 परमाणु बम शामिल किए गए हैं. यह परमाणु रडार की पकड़ में भी नहीं आता है और चुपके से हमले को अंजाम देने में सक्षम है.


ये बॉम्बर ऐसे समय पर डिएगो गार्सिया पहुंचे हैं, जब भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा विवाद चरम पर पहुंच गया है. चीन ने बड़े पैमाने पर अपनी सेना और फाइटर जेट भारत से सटी सीमा पर तैनात किए हैं. ऐसे में अमेरिका द्वारा डिएगो गार्सिया, जो भारत के दक्षिणी तट से अधिक दूर नहीं है, वहां पर की गई यह तैनाती चीन की नींद उड़ाने वाली है.