Lithium mining in the Atacama Salt Flats: चिली यूनिवरिस्टी के एक अध्ययन के अनुसार, लिथियम ब्राइन निष्कर्षण (Lithium Brine Extraction) के कारण चिली का अटाकामा नमक का मैदान प्रति वर्ष 1 से 2 सेंटीमीटर (0.4 से 0.8 इंच) की दर से डूब रहा है. अध्ययन में पृथ्वी की पपड़ी में विकृतियों को वेरिफाई करने के लिए 2020 और 2023 के बीच इक्ट्ठा किए गए उपग्रह डेटा का इस्तेमाल किया गया. इसे IEEE ट्रांजेक्शन ऑन जियोसाइंस एंड रिमोट सेंसिंग जर्नल में प्रकाशित किया गया.


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रॉयटर्स के मुताबिक चिली विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के शोधकर्ता और रिपोर्ट के मुख्य लेखक फ्रांसिस्को डेलगाडो ने कहा कि डूबने वाला क्षेत्र नमक के मैदान के दक्षिण-पश्चिमी भाग में है, जहां लिथियम खननकर्ता काम करते हैं.


'पूरा क्षेत्र नहीं एक हिस्सा'
डेलगाडो ने कहा, 'यह संपूर्ण नमक क्षेत्र नहीं है.' उन्होंने आगे कहा कि यह क्षेत्र उन भागों से मेल खाता है जहां 'कंपनियां अपनी अधिकांश पम्पिंग या सबसे तीव्र पम्पिंग कर रही हैं.'


दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा लिथियम उत्पादक चिली, अटाकामा साल्ट मैदान से हल्की धातु निकालता है. यहां दुनिया के सबसे बड़े लिथियम भंडारों में से एक है.


इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी और एनर्जी ट्रांजिशन में जरूरी यह धातु वाष्पीकरण द्वारा प्राप्त की जाती है, जिसमें 90% पानी वायुमंडल में खो जाता है.


आसपास के लोगों को सता रही यह पानी
अटाकामा के आसपास के मूल समुदायों को चिंता है कि खनन से दुर्लभ मीठे पानी और लिथियम युक्त नमकीन पानी की कमी हो सकती है.


पर्यावरण अधिकारियों ने चिली में दो लिथियम उत्पादकों, SQM और Albemarle पर नमकीन पानी निकालने के मामले में संभावित अनियमितताओं का आरोप लगाया है.


अधिकारियों का लक्ष्य डायरेक्ट लिथियम एक्सट्रैक्शन (DLE) पर स्विच करना है. DLE दरअसल एक ऐसी तकनीक है जो लिथियम निकालने के बाद भूजल को फिर से इंजेक्ट करती है, लेकिन यह अभी भी परीक्षण के चरण में है.


चिली की एसक्यूएम ने हाल ही में सरकारी स्वामित्व वाली तांबा कंपनी कोडेल्को के साथ साझेदारी की है, क्योंकि देश का लक्ष्य अपने लिथियम उत्पादन का विस्तार करना है.


Photo courtesy- Reuters