बीजिंग: चीन से फैले कोरोना वायरस से अबतक पूरी दुनिया ग्रस्त है. दुनिया में तमाम तरह के वेरिएंट इस वक्त प्रसारित हो रहे हैं. ऐसे में देश-दुनिया में नाइट कर्फ्यू, मिनी लॉकडाउन सहित तमाम तरह की सख्त पाबंदी लगाई है. हैरानी की बात तो यह है कि कोरोना वायरस से खुद चीन भी पूरी तरह उबर (Recover) नहीं पाया है. ऐसे में इससे निपटने के लिए चीन 'जीरो कोरोना पॉलिसी' (zero Covid policy) पर काम कर रहा है. जी हां, इस पॉलिसी के तहत सख्त से सख्त नियम चीन लागू कर रहा है. दरअसल, चीन में इस साल फरवरी में ओलंपिक शुरू होने वाला. इसको ध्यान में रखते हुए यहां पर सख्ती बरती जा रही है ताकि यह संक्रमण तेजी से ना फैले. अब उत्तरी शहर जियान (Xian) में रहने वाले 13 मिलियन लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इतना ही नहीं ये लोग बाहर का खाना भी नहीं खरीद सकते हैं क्योंकि माना जा रहा है कि संक्रमण के फैलने में बाहर का खाना खरीदना भी अहम वजह हो सकती है. 


बूस्टर डोज ओमिक्रॉन से कर सकता है बचाव


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चीन में कई जगह पर लॉकडाउन ऐसे समय में लगाया जा रहा है जब  कई शोध में कहा गया है कि कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट अन्य वेरिएंट की तुलना में कम हल्का है. यूके की पहली आधिकारिक रिपोर्ट से पता चलता है कि अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम डेल्टा की तुलना में 50 से 70 प्रतिशत कम है. एक स्वास्थ्य अधिकारी का मानना है कि कोविड बूस्टर ओमिक्रॉन से बचाव कर सकता है और महामारी से बचने से लिए बूस्टर डोज बेहद आवश्यक है.


किए जा रहे ज्यादा से ज्यादा टेस्ट


द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन इस वक्त जीरो कोविड की योजना पर काम कर रहा है और वह इसके लिए सख्त से सख्त कदम उठा रहा है. यही वजह है कि यहां पर स्कूल-कॉलेज बंद हैं और ज्यादा से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं. इसके बाद भी चीन में कई जगहों पर कोविड-19 के नियमों के उल्लघन की खबरें कम नहीं हो रही है. प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है.


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