China-Taiwan tensions: नहीं बाज आ रहा चीन.. ताइवान की सीमा में ड्रैगन के 10 जहाज और 2 एयरक्राफ्ट डिटेक्ट
China Taiwan News: ताइवान, चीन के दक्षिणी पूर्वी तट से 100 मील दूर स्थित एक द्वीप है. ताइवान खुद को आजाद मुल्क कहता है. चीन ने कभी भी ताइवान पर शासन नहीं किया है, इसके बावजूद चीन की सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी इसे चीन का हिस्सा मानती है.
China-Taiwan Conflict: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. ताइवान ने एक बार फिर अपनी सीमा क्षेत्र में चीन के 10 जहाज और 2 एयरक्राफ्ट का पता लगाया है. स्थानीय न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि शनिवार सुबह 6 बजे के आसपास देश भर में छह चीनी नौसैनिक जहाज, चार तट रक्षक जहाज और दो एयरक्राफ्ट का पता चला है. चीन के दो पीएलए विमानों ने उत्तरी क्षेत्र में स्थित वायु रक्षा पहचान क्षेत्र की ताइवान स्ट्रेट मध्य रेखा का उल्लंघन किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, जवाबी कार्रवाई में ताइवान ने अपने नौसैनिक जहाजों और तटीय आधारित मिसाइल प्रणालियों के साथ चीन के पीएलए का करारा जवाब दिया है. सितंबर 2020 से ही चीन लगातार ग्रे जोन रणनीति का इस्तेमाल करते हुए धीरे-धीरे ताइवान के आसपास के क्षेत्र में सैन्य विमानों और नौसेना जहाजों की संख्या बढ़ा रहा है.
ग्रे जोन रणनीति स्थिर राज्य डिफरेंस और आश्वासन से परे उन कोशिशों के रूप में परिभाषित किया गया है जो बल के प्रत्यक्ष और बड़े उपयोग के बिना किसी सुरक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है.
चीन-ताइवान संघर्ष
पिछले कुछ सालों से चीन और ताइवान में जारी संघर्षों के बीच तनाव अब तक के उच्चतम स्तर पर है. चीन ने कभी भी ताइवान पर शासन नहीं किया है, इसके बावजूद चीन की सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी इसे चीन का हिस्सा मानती है. चीन कई बार बलपूर्वक इसे अपने कब्जे में लेने की धमकी भी देता रहता है. जबकि ताइवान खुद को आजाद मुल्क कहता है. ताइवान, चीन के दक्षिणी पूर्वी तट से 100 मील दूर स्थित एक द्वीप है. ताइवान का अपना संविधान है और वहां की चुनी हुई सरकार है. हालांकि, दुनिया के 14 देशों ने ही ताइवान को अलग देश के रूप में मान्यता दी है.
इससे पहले 27 मई को चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी सांसदों की हालिया ताइवान यात्रा का कड़ा विरोध किया था. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा था कि बीजिंग अमेरिका और ताइवान के बीच सैन्य संपर्क के साथ-साथ ताइवान को हथियार देने के किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध करता है.