Britain में China का बड़ा गेम प्लान, खरीद रहा है घाटे से जूझते स्कूल-कॉलेज; जानिए क्या है साजिश
दुनिया भर में अपने प्रभाव का विस्तार करने के लिए चीन (China) ने अब स्कूल-कॉलेजों को जरिया बनाया है. वह कोरोना महामारी के कारण ब्रिटेन में घाटे से जूझ रहे स्कूल-कॉलेजों को बड़े पैमाने पर औने-पौने दामों में खरीद रहा है.
लंदन: दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी (Corona Epidemic) ने ब्रिटेन ( Britain) में स्कूल प्रबंधकों की कमर तोड़कर रख दी है. पिछले एक साल से लगातार बंद होने की वजह से स्कूल प्रबंधकों (British schools) को जबरदस्त घाटा हो रहा है. जिससे परेशान होकर कई स्कूल प्रबंधक जमीन समेत अपनी स्कूल बिल्डिंगों को बेच रहे हैं.
कोरोना महामारी से चीनी कंपनियों को मिला मौका
कोरोना महामारी की वजह से ब्रिटेन में बनी इस स्थिति से चीन (China) को वहां पर अपने पैर जमाने का मौका मिल गया है. चीनी सेना PLA और चीन कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) से लिंक रखने वाली कई कंपनियां वहां पर औने-पौने दामों में स्कूल खरीद रही हैं. इसके पीछे चीन की योजना है कि हालात ठीक होने पर इन स्कूलों को पुराने नामों से फिर से चालू किया जाए और वहां पर चीन समर्थक विचारधारा को आगे बढ़ाया जाए. ऐसा होने पर ब्रिटेन के बच्चे बचपन से ही चीन समर्थक बनने शुरू हो जाएंगे.
ब्रिटेन में 17 स्कूल खरीद चुकी हैं चीनी कंपनियां
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी कंपनियां (Chinese Companies) अब तक ब्रिटेन के 17 स्कूलों को खरीद चुकी है और यह आंकड़ा तेजी से आगे बढ़ रहा है. डेली के अनुसार इन 17 में से 9 स्कूलों के मालिक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सक्रिय मेंबर हैं. चीनी (China) कंपनियों ने Princess Diana Preparatory School को भी खरीद लिया है. ब्रिटिश स्कूलों (British schools) के अधिग्रहण में लगी एक चीनी कंपनी ने स्वीकार किया कि दुनिया भर में चीन के प्रभाव का विस्तार के लिए इस रणनीति पर काम किया जा रहा है.
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स्कूल प्रबंधकों के लिए खर्चा चलाना मुश्किल हुआ
ब्रिटेन में कोरोना वायरस महामारी की वजह से तमाम स्कूल गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. उनमें नए एडमिशन नाममात्र के हुए हैं. बच्चों से फीस मिल नहीं रही और खर्चे लगातार बने हुए हैं. इन सब कारणों से स्कूल चलाना मैनेजमेंट के लिए लगातार घाटे का सौदा साबित हो रहा है. इन स्थितियों ने चीनी कंपनियों (Chinese Companies) को ब्रिटेन के स्कूलों को खरीदने का सुनहरा मौका दे दिया है.
चीनी कंपनियों ने पिछले साल भी 3 स्कूलों को खरीदा
चीनी कंपनियों (Chinese Companies) ने पिछले साल भी 3 स्कूलों को खरीदा था. इनमें Abbots Bromley School, St Michael, School, Bosworth Independent College शामिल हैं. इनमें से एक स्कूल को चीन की यांग हुइयान ने खरीदा है. वह एशिया की सबसे अमीर महिला हैं और उसके पिता यांग गुओकियांग चीन कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) के सदस्य हैं. वहीं Bedstone College और Ipswich High School को चीन के Wanda Group ने खरीद लिया है. Wanda Group ने ब्रिटेन में टेक्नॉलॉजी, मीडिया, होटल और रियल एस्टेट में भी काफी निवेश किया है. इस ग्रुप के मालिक चीनी सेना PLA से जुड़े Wang Jianlin हैं.
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी हुई है कंपनियां
चीन की कंपनियों (Chinese Companies) ने दो अन्य स्कूल Kingsley School और Heathfield Knoll School को भी खरीद लिया है. इन स्कूलों को चीन के China First Capital Group ने खरीदा है. इस कंपनी को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मेंबर चलाते हैं. इनके अलावा Thetford Grammar School और Riddlesworth Hall Preparatory School भी चीनी कंपनियों के चंगुल में चले गए हैं. चीन के Confucius International Education Group ने Riddlesworth स्कूल को खरीदा है.
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दूसरे देशों में भी फ्रेंचाइज खोलने का प्लान
चीन की एक अन्य कंपनी Ray Education Group ने Adcote School और Myddelton College को खरीद लिया है. इस चीनी कंपनी का प्लान है कि अब वह मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, थाईलैंड, नाईजीरिया और दक्षिण अफ्रीका समेत अन्य देशों में इन स्कूलों की ब्रांच खोलेगा. वहां के लोग इन स्कूलों को ब्रिटिश स्कूल (British schools) समझकर अपने बच्चों को एडमिशन दिलाएंगे. जिसके बाद उनमें भी चीन के प्रभाव का विस्तार किया जाएगा. जैसा कि चीन के राष्ट्रपति Xi Jinping चाहते हैं.
लड़कियों के लिए स्कूल चलाने की योजना
चीन के Ray Education Group के सीईओ James Hu चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में Hongkou जिले के सचिव हैं. James Hu कहते हैं कि दुनियाभर में लड़कियों के लिए Adcote School और Myddelton College का विस्तार करना ग्रुप का ग्लोबल प्लान है.
Confucius Institutes की आई बाढ़
रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जताई गई कि ब्रिटेन की 29 यूनिवर्सिटीज में चीन के Confucius Institutes खुल गए हैं. इसके साथ ही चीनी कंपनियों (Chinese Companies) ने फंड देकर 150 स्कूलों में Confucius Classrooms खुलवा दिए हैं. चीनी कंपनियों का दावा है कि इन Confucius Classrooms में चीनी भाषा और कल्चर के बारे में बताया जाता है लेकिन आलोचकों का कहना है कि इसके जरिए चीन सुनियोजित तरीके से ब्रिटेन में अपने प्रोपेगंडा मशीनरी तैयार कर रहा है और गलत सूचनाएं फैला रहा है.
चीनी साजिश से ब्रिटिश सरकार की बढ़ी चिंता
ब्रिटेन में चीन के बढ़ते असर ने बोरिस जॉनसन सरकार की चिंता भी बढ़ा दी है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री Dominic Raab ने पिछले महीने घोषणा की कि वह देश में Confucius Institutes की भूमिका की जांच कराएंगे. पश्चिम के कई देशों में इस प्रकार की जांच पहले ही चल रही है.
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